पूरी दिल्ली को 'तीसरी आंख' की जद में लाने के लिए दिल्ली सरकार ने दूसरे फेज में कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इससे पूरी दिल्ली में कैमरों की संख्या करीब 4.15 लाख हो जाएगी। उधर, दूसरा फेज पूरा होने से पहले ही दिल्ली सीसीटीवी कैमरों के मामले में दुनिया का पहला शहर बन गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, आज की तारीख में दुनिया के किसी शहर में प्रति वर्ग किमी उतने कैमरे नहीं हैं, जितने दिल्ली में लगे हैं। लंदन, वाशिंगटन और पेरिस सरीखे वैश्विक शहरों से दिल्ली आगे है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 7 साल में 2.75 लाख कैमरे लगाए हैं। अगले फेज में 1.40 लाख कैमरे और लगाने जा रहे हैं। इसके बाद कुल 4.15 लाख कैमरे हो जाएंगे। केजरीवाल के मुताबिक, एक संस्था ने 150 शहरों का सर्वे कराया था। इनमें दिल्ली नंबर वन स्थान पर है। फिलहाल दिल्ली में प्रति मील 1826 और लंदन में 1138 कैमरे लगे हैं, जो दिल्ली की तुलना में बहुत कम हैं। वहीं, भारत में दूसरे स्थान पर चेन्नई और तीसरे स्थान पर मुंबई है। दिल्ली में चेन्नई से तीन गुना और मुंबई से 11 गुना अधिक कैमरे लगे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में 2.75 लाख सीसीटीवी कैमरे सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, आडब्ल्यूए, कॉलोनी, मोहल्ले, गलियों और स्कूलों समेत दिल्ली के कोने-कोने में लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद से दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित महसूस करने लगी हैं और पुलिस को भी अपराध का खुलासा करने में मदद मिल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इतने कैमरे लगने के बाद दिल्ली की सुरक्षा बढ़ेगी और लोग सुरक्षित महसूस करेंगे।
खराब होने पर कमांड सेंटर में अलार्म
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि यह बहुत ही मॉडर्न कैमरे हैं। अगर ये कैमरे खराब हो गए तो कमांड सेंटर में एक अलार्म बजेगा। कुछ लोगों के मोबाइल नंबर भी फीड होंगे, जिस पर इस संबंध में एसएमएस आ जाएंगे। एसएमएस भी आएगा कि कैमरे खराब हैं और काम नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कैमरा टूट गया, बिजली नहीं आ रही है, कैमरे की हॉर्ड डिस्क काम नहीं कर रही है, किसी ने कैमरे के उपर कुछ चिपका दिया और कैमरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा है इसका कमांड सेंटर में अलार्म और एसएमएस आ जाएगा।
कैमरे में 30 दिन की रिकार्डिंग रहेगी
सीएम ने बताया कि इस कैमरे में 30 दिन की रिकॉर्डिंग रखी जा सकेगी। जिन-जिन लोगों के फोन के उपर इसका पासवर्ड डाला जाएगा, वे लोग पूरी दुनिया के अंदर कहीं भी इसका लाइव व्यू भी देख सकते हैं। यह पासवर्ड तीन-चार अधिकृत लोगों को ही दिए जाएंगे।
सीसीटीवी प्रोजेक्ट के मुख्य बिंदु
- दिल्ली की सीसीटीवी परियोजना गुणवत्ता, गोपनीयता और स्वचालित निगरानी और अत्यधिक नवीन तकनीक पर आधारित है।
- सभी आरडब्ल्यूए, मार्केट एसोसिएशन क्षेत्रों में 30 से 40 कैमरे होंगे। दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो हजार कैमरे सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे।
- पीडब्ल्यूडी, पुलिस, आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक आम बैठक कर सीसीटीवी की लोकेशन तय होती है।
- कैमरों और एनवीआर डिवाइस की निगरानी के लिए कुछ सदस्यों को नामित किया जाएगा। यूपीएस और एनवीआर बॉक्स की बिजली आपूर्ति यूनिट के नजदीक निवासी के पास होता है। बिजली खपत शुल्क दिल्ली सरकार की तरफ से वहन किया जाएगा।
- कैमरा फीड पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर आईटीओ के पास है, सुरक्षा आरडब्ल्यूए निगरानी कक्ष और पुलिस द्वारा प्रदान की जाएगी।
- कैमरे को साइनेज से चिह्नित किया जाएगा। क्षेत्र में एक पैनिक बटन प्रदान किया जाएगा और स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाएगा, जो आरडब्ल्यूए, पुलिस और पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर को एसएमएस अलर्ट प्रदान करेगा।
- कैमरे दिन और रात विजन के साथ एचडी 4-एमपी आईपी आईआर के साथ होंगे।
- एनवीआर और सर्वर सुरक्षित फायरवॉल के साथ 4जी, 3जी, 2जी और जीपीआरएस से जुड़े हुए हैं।
- एनवीआर बॉक्स इससे जुड़े सभी कैमरों की 30 दिनों की रिकॉर्डिंग फुल एचडी में स्टोर करेगा। रिकॉर्डिंग 25 एफपीएस पर सीसीटीवी कैमरे के समान रिजॉल्यूशन पर की जाएगी।
- सिस्टम ऑटो हेल्थ चेक-अप में सक्षम है। कैमरे के किसी भी रुकावट या कैमरा सिग्नल के टूटने से आरडब्ल्यूए, पुलिस और पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर को अलर्ट कर दिया जाएगा।
विस्तार
पूरी दिल्ली को 'तीसरी आंख' की जद में लाने के लिए दिल्ली सरकार ने दूसरे फेज में कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इससे पूरी दिल्ली में कैमरों की संख्या करीब 4.15 लाख हो जाएगी। उधर, दूसरा फेज पूरा होने से पहले ही दिल्ली सीसीटीवी कैमरों के मामले में दुनिया का पहला शहर बन गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, आज की तारीख में दुनिया के किसी शहर में प्रति वर्ग किमी उतने कैमरे नहीं हैं, जितने दिल्ली में लगे हैं। लंदन, वाशिंगटन और पेरिस सरीखे वैश्विक शहरों से दिल्ली आगे है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 7 साल में 2.75 लाख कैमरे लगाए हैं। अगले फेज में 1.40 लाख कैमरे और लगाने जा रहे हैं। इसके बाद कुल 4.15 लाख कैमरे हो जाएंगे। केजरीवाल के मुताबिक, एक संस्था ने 150 शहरों का सर्वे कराया था। इनमें दिल्ली नंबर वन स्थान पर है। फिलहाल दिल्ली में प्रति मील 1826 और लंदन में 1138 कैमरे लगे हैं, जो दिल्ली की तुलना में बहुत कम हैं। वहीं, भारत में दूसरे स्थान पर चेन्नई और तीसरे स्थान पर मुंबई है। दिल्ली में चेन्नई से तीन गुना और मुंबई से 11 गुना अधिक कैमरे लगे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में 2.75 लाख सीसीटीवी कैमरे सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, आडब्ल्यूए, कॉलोनी, मोहल्ले, गलियों और स्कूलों समेत दिल्ली के कोने-कोने में लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद से दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित महसूस करने लगी हैं और पुलिस को भी अपराध का खुलासा करने में मदद मिल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इतने कैमरे लगने के बाद दिल्ली की सुरक्षा बढ़ेगी और लोग सुरक्षित महसूस करेंगे।
खराब होने पर कमांड सेंटर में अलार्म
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि यह बहुत ही मॉडर्न कैमरे हैं। अगर ये कैमरे खराब हो गए तो कमांड सेंटर में एक अलार्म बजेगा। कुछ लोगों के मोबाइल नंबर भी फीड होंगे, जिस पर इस संबंध में एसएमएस आ जाएंगे। एसएमएस भी आएगा कि कैमरे खराब हैं और काम नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कैमरा टूट गया, बिजली नहीं आ रही है, कैमरे की हॉर्ड डिस्क काम नहीं कर रही है, किसी ने कैमरे के उपर कुछ चिपका दिया और कैमरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा है इसका कमांड सेंटर में अलार्म और एसएमएस आ जाएगा।
कैमरे में 30 दिन की रिकार्डिंग रहेगी
सीएम ने बताया कि इस कैमरे में 30 दिन की रिकॉर्डिंग रखी जा सकेगी। जिन-जिन लोगों के फोन के उपर इसका पासवर्ड डाला जाएगा, वे लोग पूरी दुनिया के अंदर कहीं भी इसका लाइव व्यू भी देख सकते हैं। यह पासवर्ड तीन-चार अधिकृत लोगों को ही दिए जाएंगे।
सीसीटीवी प्रोजेक्ट के मुख्य बिंदु
- दिल्ली की सीसीटीवी परियोजना गुणवत्ता, गोपनीयता और स्वचालित निगरानी और अत्यधिक नवीन तकनीक पर आधारित है।
- सभी आरडब्ल्यूए, मार्केट एसोसिएशन क्षेत्रों में 30 से 40 कैमरे होंगे। दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो हजार कैमरे सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे।
- पीडब्ल्यूडी, पुलिस, आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक आम बैठक कर सीसीटीवी की लोकेशन तय होती है।
- कैमरों और एनवीआर डिवाइस की निगरानी के लिए कुछ सदस्यों को नामित किया जाएगा। यूपीएस और एनवीआर बॉक्स की बिजली आपूर्ति यूनिट के नजदीक निवासी के पास होता है। बिजली खपत शुल्क दिल्ली सरकार की तरफ से वहन किया जाएगा।
- कैमरा फीड पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर आईटीओ के पास है, सुरक्षा आरडब्ल्यूए निगरानी कक्ष और पुलिस द्वारा प्रदान की जाएगी।
- कैमरे को साइनेज से चिह्नित किया जाएगा। क्षेत्र में एक पैनिक बटन प्रदान किया जाएगा और स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाएगा, जो आरडब्ल्यूए, पुलिस और पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर को एसएमएस अलर्ट प्रदान करेगा।
- कैमरे दिन और रात विजन के साथ एचडी 4-एमपी आईपी आईआर के साथ होंगे।
- एनवीआर और सर्वर सुरक्षित फायरवॉल के साथ 4जी, 3जी, 2जी और जीपीआरएस से जुड़े हुए हैं।
- एनवीआर बॉक्स इससे जुड़े सभी कैमरों की 30 दिनों की रिकॉर्डिंग फुल एचडी में स्टोर करेगा। रिकॉर्डिंग 25 एफपीएस पर सीसीटीवी कैमरे के समान रिजॉल्यूशन पर की जाएगी।
- सिस्टम ऑटो हेल्थ चेक-अप में सक्षम है। कैमरे के किसी भी रुकावट या कैमरा सिग्नल के टूटने से आरडब्ल्यूए, पुलिस और पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर को अलर्ट कर दिया जाएगा।