केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के निर्देश पर एम्स प्रबंधन ने अब परिसर में जासूसी शुरू कर दी है। एम्स में अक्सर बाहरी जांच केंद्रों के प्रतिनिधि आकर मरीजों के सैंपल लेकर जाते हैं और उन्हें फोन पर ही रिपोर्ट उपलब्ध कराते हैं। इन लोगों की एम्स के कर्मचारियों के साथ भी आपसी सांठगांठ रहती है और यही कर्मचारी मरीजों को बाहरी लोगों के फोन नंबर भी देते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश मिलने के बाद एम्स के सुरक्षा विभाग ने जब परिसर में इस मामले की जांच शुरू की तो सुरक्षा गार्डों ने तीन लोगों को रंगेहाथ पकड़ा। यह तीनों लोग एम्स परिसर में बैग लटाकर घूम रहे थे। इनके बैग में संबंधित जांच लैब की बिलिंग बुक के अलावा मरीजों की रिपोर्ट और सैंपल भी मिले हैं।
इनके अलावा बैग में सादा कागज की छोटी छोटी पर्चियां भी पकड़ी हैं जिन पर जांच का नाम और उक्त व्यक्ति का फोन नंबर एम्स के ही स्टाफ के जरिए ही लिखा हुआ है। बहरहाल एम्स प्रबंधन ने तीनों लोगों को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया है। जानकारी मिली है कि एम्स में इस तरह की जासूसी आगे भी जारी रहेगी। ताकि संस्थान में आकर गोरखधंधा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
प्रबंधन के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली एम्स में सभी तरह की जांच उपलब्ध है। इसलिए बाहर से मरीज की जांच कराने की कोई आवश्यकता भी नहीं है लेकिन प्रबंधन को मिलीं शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए जब पड़ताल की गई तो हकीकत वाकई चौंकान्ने वाली सामने आई। यह लोग मरीजों को तरह तरह के हवाले देकर जांच कराने के नाम पर रुपये लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के निर्देश पर एम्स प्रबंधन ने अब परिसर में जासूसी शुरू कर दी है। एम्स में अक्सर बाहरी जांच केंद्रों के प्रतिनिधि आकर मरीजों के सैंपल लेकर जाते हैं और उन्हें फोन पर ही रिपोर्ट उपलब्ध कराते हैं। इन लोगों की एम्स के कर्मचारियों के साथ भी आपसी सांठगांठ रहती है और यही कर्मचारी मरीजों को बाहरी लोगों के फोन नंबर भी देते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश मिलने के बाद एम्स के सुरक्षा विभाग ने जब परिसर में इस मामले की जांच शुरू की तो सुरक्षा गार्डों ने तीन लोगों को रंगेहाथ पकड़ा। यह तीनों लोग एम्स परिसर में बैग लटाकर घूम रहे थे। इनके बैग में संबंधित जांच लैब की बिलिंग बुक के अलावा मरीजों की रिपोर्ट और सैंपल भी मिले हैं।
इनके अलावा बैग में सादा कागज की छोटी छोटी पर्चियां भी पकड़ी हैं जिन पर जांच का नाम और उक्त व्यक्ति का फोन नंबर एम्स के ही स्टाफ के जरिए ही लिखा हुआ है। बहरहाल एम्स प्रबंधन ने तीनों लोगों को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया है। जानकारी मिली है कि एम्स में इस तरह की जासूसी आगे भी जारी रहेगी। ताकि संस्थान में आकर गोरखधंधा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
प्रबंधन के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली एम्स में सभी तरह की जांच उपलब्ध है। इसलिए बाहर से मरीज की जांच कराने की कोई आवश्यकता भी नहीं है लेकिन प्रबंधन को मिलीं शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए जब पड़ताल की गई तो हकीकत वाकई चौंकान्ने वाली सामने आई। यह लोग मरीजों को तरह तरह के हवाले देकर जांच कराने के नाम पर रुपये लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।