उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से पहाड़ों में धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है। साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी शुरू हो गई है। मंगलवार सुबह बदरीनाथ धाम की चोटियों पर मौसम का पहला हिमपात हुआ। अब तक माना नंदाष्टमी (13 सितंबर) से ठंड की शुरुआत मानी जाती थी। लेकिन इस साल एक पखवाड़ा पहले ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
उत्तराखंड मौसम: आज राज्य के अधिकतर इलाकों में मौसम फिलहाल साफ, नैनीताल की ठंडी सड़क पर हुआ भूस्खलन
पिथौरागढ़ के पंचाचूली में भी बर्फबारी
रविवार रात मुनस्यारी में मौसम ने करवट बदली और पंचाचूली की पहाड़ियों पर सीजन का पहला हिमपात हुआ। हालांकि सड़कें बंद होने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों में भी सीजन के पहले हिमपात को लेकर कोई खुशी नहीं है।
बर्फबारी को लेकर पर्यटन व्यवसायी भी ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। उनका कहना है कि बारिश के कारण सड़कें बंद होने से पर्यटक नहीं आ रहे हैं। थल-मुनस्यारी सड़क जगह-जगह बंद है। लगातार हो रही बारिश से पहाड़ियों से मलबा और बोल्डर सड़कों पर गिर रहे हैं।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरन पांडे ने कहा सड़कें अगर खुली होतीं तो पर्यटकों के आने की उम्मीद होती। वर्तमान हालात में अगर ज्यादा बर्फबारी भी होती तो कारोबार को इसका फायदा नहीं मिलता।
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे तोताघाटी के पास छठे दिन भी नहीं खुल पाया। इसके अलावा तपोवन से देवप्रयाग के बीच जगह-जगह राजमार्ग पर मलबा गिरा हुआ है। बारिश होने पर बदरीनाथ हाईवे कुछ दिन से लगातार बंद हो रहा है।
26 अगस्त की रात और 27 अगस्त की सुबह तपोवन से देवप्रयाग के बीच लगभग 60 किलोमीटर के क्षेत्र में 18 से अधिक स्थानों पर मलबा आ गिरा। तोताघाटी से करीब एक किमी आगे ऋषिकेश की ओर चट्टान टूटने के साथ इसी के समीप पुश्ता ध्वस्त हो गया। इससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
जिला प्रशासन टिहरी ने भी खतरे को देखते हुए 27 अगस्त को आदेश जारी करते हुए अग्रिम आदेश तक राजमार्ग पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया था। पांच दिन से पीडब्लूडी तोताघाटी के पास बोल्डर व मलबा हटाने का काम कर रही है लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। पीडब्लूडी के सहायक अभियंता बीएन द्विवेदी ने बताया कि सड़क से काफी मलबा हटा लिया गया था लेकिन रविवार रात दोबारा मलबा आ गिरा। इस कारण सड़क खुलने में समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह तक मार्ग खुलने की उम्मीद है।
चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र के जुग्जू गांव के ऊपर मंगलवार दोपहर को पहाड़ से भूस्खलन हो गया, जिससे भयभीत ग्रामीण घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए। हालांकि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोगों में इसको लेकर भय बना है। क्षेत्र पंचायत सदस्य संग्राम सिंह का कहना है कि जुग्जू गांव के 16 परिवार वर्ष 1994 से पुनर्वास की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी जा रही है।
विस्तार
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से पहाड़ों में धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है। साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी शुरू हो गई है। मंगलवार सुबह बदरीनाथ धाम की चोटियों पर मौसम का पहला हिमपात हुआ। अब तक माना नंदाष्टमी (13 सितंबर) से ठंड की शुरुआत मानी जाती थी। लेकिन इस साल एक पखवाड़ा पहले ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
उत्तराखंड मौसम: आज राज्य के अधिकतर इलाकों में मौसम फिलहाल साफ, नैनीताल की ठंडी सड़क पर हुआ भूस्खलन
पिथौरागढ़ के पंचाचूली में भी बर्फबारी
रविवार रात मुनस्यारी में मौसम ने करवट बदली और पंचाचूली की पहाड़ियों पर सीजन का पहला हिमपात हुआ। हालांकि सड़कें बंद होने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों में भी सीजन के पहले हिमपात को लेकर कोई खुशी नहीं है।
बर्फबारी को लेकर पर्यटन व्यवसायी भी ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। उनका कहना है कि बारिश के कारण सड़कें बंद होने से पर्यटक नहीं आ रहे हैं। थल-मुनस्यारी सड़क जगह-जगह बंद है। लगातार हो रही बारिश से पहाड़ियों से मलबा और बोल्डर सड़कों पर गिर रहे हैं।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरन पांडे ने कहा सड़कें अगर खुली होतीं तो पर्यटकों के आने की उम्मीद होती। वर्तमान हालात में अगर ज्यादा बर्फबारी भी होती तो कारोबार को इसका फायदा नहीं मिलता।