न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Mon, 05 Apr 2021 09:43 AM IST
प्रदेेश के 35 हजार से अधिक मिनिस्टीरियल कर्मचारी सोमवार से दो घंटे का कार्यबहिष्कार शुरू करेंगे। उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर चल रहे चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे चरण के तहत यह कार्य बहिष्कार शुरू होगा।
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी एवं प्रांतीय महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि मिनिस्टीरियल कार्मिक कभी भी हड़ताल के पक्ष में नहीं रहे हैं, लेकिन सरकार की बेरुखी की वजह से वह मजबूरन ऐसा करने को बाध्य हैं।
न तो सरकार उनसे वार्ता कर रही है और न ही पूर्व में हुई वार्ता के समझौते के तहत शासनोदश जारी किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए शासनादेश जारी करे। अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन आगे बढ़ता जाएगा।
प्रदेश के लगभग 35000 मिनिस्टीरियल कर्मचारी सोमवार से दो घंटे का कार्य बहिष्कार सांकेतिक रूप से करेंगे। यदि सरकार ने इसके बाद भी फेडरेशन से वार्ता नहीं की तो कार्मिकों को मजबूर होकर हड़ताल जैसा अप्रिय निर्णय लेना पड़ेगा। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखंड शासन की होगी।
प्रदेेश के 35 हजार से अधिक मिनिस्टीरियल कर्मचारी सोमवार से दो घंटे का कार्यबहिष्कार शुरू करेंगे। उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर चल रहे चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे चरण के तहत यह कार्य बहिष्कार शुरू होगा।
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी एवं प्रांतीय महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि मिनिस्टीरियल कार्मिक कभी भी हड़ताल के पक्ष में नहीं रहे हैं, लेकिन सरकार की बेरुखी की वजह से वह मजबूरन ऐसा करने को बाध्य हैं।
न तो सरकार उनसे वार्ता कर रही है और न ही पूर्व में हुई वार्ता के समझौते के तहत शासनोदश जारी किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए शासनादेश जारी करे। अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन आगे बढ़ता जाएगा।
प्रदेश के लगभग 35000 मिनिस्टीरियल कर्मचारी सोमवार से दो घंटे का कार्य बहिष्कार सांकेतिक रूप से करेंगे। यदि सरकार ने इसके बाद भी फेडरेशन से वार्ता नहीं की तो कार्मिकों को मजबूर होकर हड़ताल जैसा अप्रिय निर्णय लेना पड़ेगा। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखंड शासन की होगी।