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साल 2013 में केदरानाथ आपदा के दौरान लापता हुए लोगों में से चार लोगों के कंकाल मिल गए हैं। पांच दिन चले सर्च अभियान के आखिरी दिन रविवार को सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैक पर गुफा और घास में मिले इन अस्थि अवशेषों से डीएनए जांच के लिए सैंपल लिए गए और फिर सोनप्रयाग संगम पर विधि-विधान के साथ इनकी अंत्येष्टि की गई।
16 /17 जून 2013 को केदारनाथ में आई आपदा में 4435 यात्री/स्थानीय लोग मारे गए थे जबकि 3886 लोगों का पता नहीं लगा। बीते सात वर्षों में कई बार चले सर्च अभियान में अभी तक 703 कंकाल मिल चुके हैं, जिनमें 180 से अधिक की ही पहचान हो पाई।
लापता लोगों के अस्थि अवशेषों की तलाश के लिए 16 सितंबर को एसपी के नेतृत्व में सोनप्रयाग से 10 टीमों के साथ चार दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया था, लेकिन इस दौरान कोई नर कंकाल नहीं मिला। इसके बाद सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ रूट पर गई टीम का अभियान एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया था।
एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर कर्ण सिंह रावत के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम द्वारा सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैकिंग रूट पर नर कंकालों की खोजबीन की जा रही थी। बीते शनिवार शाम को टीम को केदारनाथ से लगभग 19 किमी पहले और गुमखड़ा से दो किमी नीचे गौरी माई खर्क के समीप गुफा व घास के मैदान के समीप चार नर कंकाल मिले।
कंकालों को सोनप्रयाग लाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा डीएनए सैंपल लिया गया। इसके बाद रविवार सुबह सोन व मंदाकिनी नदी के संगम पर विधि-विधान से अस्थि-अवशेष की अंत्येष्टि की गई। पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि बरामद नर कंकाल के बारे में मुख्यालय को सूचना दे दी गई है। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। टीम में एसडीआरएफ के एसआई कर्ण सिंह रावत के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल भगत सिंह , कांस्टेबल मनोज जोशी , कांस्टेबल पंकज राणा , फायरमैन योगेश रावत शामिल रहे।
वर्ष मिले कंकाल
2013 545
2014 63
2015 03
2016 60
2017 07
2018 21
2019 --
2020 04
साल 2013 में केदरानाथ आपदा के दौरान लापता हुए लोगों में से चार लोगों के कंकाल मिल गए हैं। पांच दिन चले सर्च अभियान के आखिरी दिन रविवार को सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैक पर गुफा और घास में मिले इन अस्थि अवशेषों से डीएनए जांच के लिए सैंपल लिए गए और फिर सोनप्रयाग संगम पर विधि-विधान के साथ इनकी अंत्येष्टि की गई।
16 /17 जून 2013 को केदारनाथ में आई आपदा में 4435 यात्री/स्थानीय लोग मारे गए थे जबकि 3886 लोगों का पता नहीं लगा। बीते सात वर्षों में कई बार चले सर्च अभियान में अभी तक 703 कंकाल मिल चुके हैं, जिनमें 180 से अधिक की ही पहचान हो पाई।
लापता लोगों के अस्थि अवशेषों की तलाश के लिए 16 सितंबर को एसपी के नेतृत्व में सोनप्रयाग से 10 टीमों के साथ चार दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया था, लेकिन इस दौरान कोई नर कंकाल नहीं मिला। इसके बाद सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ रूट पर गई टीम का अभियान एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया था।
एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर कर्ण सिंह रावत के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम द्वारा सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैकिंग रूट पर नर कंकालों की खोजबीन की जा रही थी। बीते शनिवार शाम को टीम को केदारनाथ से लगभग 19 किमी पहले और गुमखड़ा से दो किमी नीचे गौरी माई खर्क के समीप गुफा व घास के मैदान के समीप चार नर कंकाल मिले।
कंकालों को सोनप्रयाग लाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा डीएनए सैंपल लिया गया। इसके बाद रविवार सुबह सोन व मंदाकिनी नदी के संगम पर विधि-विधान से अस्थि-अवशेष की अंत्येष्टि की गई। पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि बरामद नर कंकाल के बारे में मुख्यालय को सूचना दे दी गई है। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। टीम में एसडीआरएफ के एसआई कर्ण सिंह रावत के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल भगत सिंह , कांस्टेबल मनोज जोशी , कांस्टेबल पंकज राणा , फायरमैन योगेश रावत शामिल रहे।
नर कंकालों की खोज को चले सर्च अभियान
वर्ष मिले कंकाल
2013 545
2014 63
2015 03
2016 60
2017 07
2018 21
2019 --
2020 04