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उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा सिपाहियों की भर्ती, पदोन्नति त्यागने पर लेना ही होगा ट्रांसफर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Sun, 31 Jan 2021 02:35 AM IST
सार

  • कैबिनेट ने दी कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी 
  • पदोन्नति त्यागने पर लेना ही होगा ट्रांसफर, ज्येष्ठता भी संवर्गवार होगी निर्धारित 

उत्तराखंड पुलिस
उत्तराखंड पुलिस - फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

विस्तार

उत्तराखंड में पुलिस कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल सेवा नियमावली में संशोधन को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब  पुलिस विभाग नहीं बल्कि सिपाहियों की सीधी भर्ती भी राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ही कराएगा। इसके बाद हेड कांस्टेबल पदोन्नति पर भी आयोग ही परीक्षा के आधार पर निर्णय लेगा। इसके साथ ही कई अन्य संशोधन भी नियमावली के तहत किए गए हैं। 



दरअसल, अभी तक कांस्टेबल सीधी भर्ती के लिए पुलिस विभाग की सारी प्रक्रियाएं करता था। मसलन, रिक्तियां निकालने से लेकर भर्ती तक सभी पुलिस विभाग के अधीन होता था। लेकिन, पिछले दिनों पुलिस विभाग ने इसमें संशोधन कराने के लिए प्रस्ताव भेजा था। नियमावली में कई संशोधन को राज्य केबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब कांस्टेबल सीधी भर्ती भी रिक्तियों के आधार पर राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ही जारी करेगा। इसमें ही युवा आवेदन कर सकेंगे और फिर परीक्षाओं में भाग लेकर अपनी किस्मत आजमाएंगे। 


इसके एक अन्य संशोधन के अनुसार यदि पहले पदोन्नति होती थी तो उसके साथ ट्रांसफर भी होता था। लेकिन, जब कोई पदोन्नति लेने से इनकार करता था तो उसका ट्रांसफर भी रुक जाता था। इसके पीछे कारण जो भी रहे हों। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। यदि पदोन्नति लेने से कोई इनकार करता है तो उसे ट्रांसफर लेना ही होगा। यानी साफ है कि सांठगांठ से अब एक ही जगह पर बन पाया मुश्किल होगा। 

संवर्गवार होगा ज्येष्ठता का निर्धारण 
संशोधन के बाद अब आर्म्ड पुलिस, सिविल और इंटेलीजेंस पुलिस में भर्ती हुए सिपाहियों की ज्येष्ठता संवर्गवार ही होगी। अभी तक एक साथ भर्ती हुए सिपाहियों की ज्येष्ठता भर्ती वर्ष वा सेवाकाल के आधार पर होती थी। इस प्रक्रिया में किसी एक संवर्ग में दंड पाए कर्मचारी पीछे रह जाते थे और बाकी आगे निकल जाते थे। इनमें पिछले दिनों भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि सिविल पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों की ज्येष्ठता निर्धारित हुई नहीं और आर्म्ड व इंटेलीजेंस संवर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन मिल गया।

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