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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अमृत काल का पहला बजट ''सप्तऋषि की परिकल्पना पर आधारित है। इसमें उन्होंने विकास के सात बिंदुओं पर फोकस किया है। बजट के एलान से सप्तऋषि कुंड और सप्तऋषि आश्रम वाले उत्तराखंड के सपनों को पंख लग गए हैं। सरकार में वित्त से जुड़े अफसरों का मानना है कि सप्तऋषि के जरिये उत्तराखंड विकास का नया अध्याय लिखेगा।
समावेशी विकास: बजट में आंतरिक पर्यटन को बढ़ावा देने, 50 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन तैयार करने और सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने की योजनाएं उत्तराखंड राज्य के समावेशी विकास में मददगार साबित होंगी। इनसे न सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय उत्पादों को नया बाजार मिल सकेगा। बुजुर्गों, महिलाओं को नई बचत योजनाओं का लाभ मिलेगा तो सात लाख रुपये तक की आय पर छूट से राज्य के मध्यमवर्ग को बड़ी राहत मिली है। इस तरह से बजट में राज्य के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है।
वंचितों को वरीयता: गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ 61 लाख से अधिक लोगों को होगा। इस योजना के तहत उन्हें मुफ्त गेहूं और चावल मिलेगा। बजट में इस योजना को आगे बढ़ाया गया है। इससे राज्य के 13.50 लाख अंतोदय और प्राथमिक परिवार लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 फीसदी से अधिक बजट बढ़ाए जाने का लाभ भी राज्य को मिलेगा। राज्य के शहरी गरीबों को इस योजना से घर देना आसान होगा।