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Uniform Civil Code Issues like live-in relationship women rights homosexuality dominate public discourse
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Uniform Civil Code: जनसंवाद में छाए लिव इन रिलेशनशिप, समलैंगिकता जैसे मुद्दे, 30 जून तक ड्राफ्ट होगा तैयार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: रेनू सकलानी
Updated Thu, 25 May 2023 02:48 PM IST
सार
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करीब चार घंटे चले जन संवाद कार्यक्रम में समिति के सदस्य पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव बाबा साहेब आंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी देश में समान नागरिक संहिता की वकालत की थी, लेकिन तब इसमें दो मत निकलकर सामने आए थे।
यूनिफॉर्म सिविल कोड ड्राफ्ट कमेटी की बैठक
- फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करने से पूर्व विशेषज्ञ समिति की ओर से जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसंवाद में लिव इन रिलेशनशिप, महिलाओं के अधिकार, समलैंगिकता, विवाह, तलाक और संपत्ति के अधिकार जैसे मुद्दे छाए रहे।
इस दौरान विशेषज्ञ समिति का पूरा पैनल मौजूद रहा। समिति की अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई ने कहा कि सभी सुझावों पर विचार करते हुए ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। बुधवार को सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में दोपहर करीब तीन बजे शुरू हुआ जन संवाद कार्यक्रम करीब चार घंटे चला।
समिति के सदस्य पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव बाबा साहेब आंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी देश में समान नागरिक संहिता की वकालत की थी, लेकिन तब इसमें दो मत निकलकर सामने आए थे।
विचारों को नोट करने के साथ ही वीडियोग्राफी भी कराई गई
हिंदू पक्ष चाहता था कि देश में यूसीसी लागू हो, जबकि मुस्लिम पक्ष का मत था कि यूसीसी को लागू करने का यह सही समय नहीं है। इसके बाद देश में कई नए कानून बने, कई कानूनों में बदलाव किए गए, लेकिन यूसीसी ठंडे बस्ते से बाहर नहीं निकल पाया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने यह पहल की है। इसके लिए सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मौजूदा कानून में संशोधन के साथ ड्राफ्ट तैयार किया जाना है। इसके लिए जन संवाद के माध्यम से लोगाें के विचार आमंत्रित किए जा रहे हैं। जनसंवाद में अधिकतर लोगों ने यूसीसी का समर्थन किया। विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार से संबंधित कानून और विरासत, बच्चे गोद लेने, संमलैगिकता, लिव इन रिलेशनशिप पर अपने सुझाव दिए।
तीन सौ लोगों ने अपने विचार साझा
इस दौरान समिति की ओर से प्रत्येक नागरिक की ओर से सामने आए विचारों को नोट करने के साथ ही वीडियोग्राफी भी कराई गई। जनसंवाद में करीब साढ़े तीन सौ लोगों ने अपने विचार साझा किए। इससे पूर्व सुबह के सत्र में विशेषज्ञ समिति ने सभी सात राज्य आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ बैठक की। जन संवाद कार्यक्रम में समिति के सदस्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर, दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल मौजूद रहीं।
30 जून तक ड्राफ्ट सरकार को सौंप सकती है समिति: देसाई
समिति की अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई ने कहा कि कोशिश रहेगी कि 30 जून तक समिति ड्राफ्ट सरकार को सौंप दे। उन्होंने बताया कि समिति ने सभी 12 जिलों में भ्रमण करके समाज के विभिन्न वर्गों, सामाजिक संगठनों व अन्य लोगों से सुझाव लिए हैं। बृहस्पतिवार को राजनीतिक दलों के साथ संवाद किया जाएगा।
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