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Sanjeev Jeeva Murder: हरिद्वार के जरायम में भी रहा गैंगस्टर जीवा का दखल, पढ़ें कैसे लोगों में फैला दिया था खौफ
आवेश अंसारी, अमर उजाला, हरिद्वार
Published by: अलका त्यागी
Updated Thu, 08 Jun 2023 02:30 AM IST
Sanjeev Jeeva Murder News: जीवा के इशारे पर हरिद्वार में प्रापर्टी डीलर की हत्या करने आए शूटरों ने गलतफहमी में कंबल कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट परिसर में मारा गया कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का हरिद्वार में भी जरायम में दखल रहा है। जीवा के शूटर हरिद्वार में सक्रिय थे और जमीनों के मामलों से लेकर रेलवे पार्सल के अलावा कई बड़े कारोबारियों से वसूली करते थे।
जीवा के इशारे पर हरिद्वार में प्रापर्टी डीलर की हत्या करने आए शूटरों ने गलतफहमी में कंबल कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हरिद्वार में जीवा के खिलाफ हत्या, रंगदारी, धमकी सहित प्रभावी धाराओं में सात मुकदमे दर्ज हैं।
वर्ष 2000 से ही कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हरिद्वार में जरायम की दुनिया में अपना नाम जमाने लगा था। शुरुआत में उसके इशारों पर हत्या हुई और फिर रंगदारी मांगने का सिलसिला शुरू हुआ। जीवा का कनखल निवासी सुभाष सैनी से जमीनी विवाद था।
इसके चलते वर्ष 2017 में शूटर उसकी हत्या करने आए थे। निर्मला छावनी में सुभाष के आने की जानकारी मिलने के बाद शूटर यहा घात लगाकर बैठ गए थे, लेकिन उसी वक्त कंबल कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी घर से बाहर निकले। शूटरों ने अमित को सुभाष समझकर गोली मार दी थी। गोल्डी हत्याकांड में पुलिस ने जीवा के शूटर मनोज उर्फ साहिल उर्फ मुजाहिद, बिट्टू उर्फ पप्पू, विवेक उर्फ विक्की ठाकुर सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जबकि बी वारंट पर यूपी की जेल से जीवा को पुलिस हरिद्वार लेकर आई थी।
जीवा पर हरिद्वार में दर्ज हैं सात मुकदमे
हरिद्वार जिले में वर्ष 2000 में कनखल थाने में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के खिलाफ हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2005 में नगर कोतवाली में रंगदारी और वर्ष 2007 में नगर कोतवाली में ही हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। वर्ष 2007 में कनखल में रंगदारी और धमकी और फिर वर्ष 2017 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। जबकि इसी साल गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। वर्ष 2019 में ज्वालापुर में वसूली, धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
जीवा की दहशत पर करते रहे राज
जीवा के नाम पर कई गुर्गों ने हरिद्वार में राज किया। विवेक उर्फ विक्की ठाकुर और उसका भाई निखिल ठाकुर उर्फ निक्की हरिद्वार से जीवा के लिए रेलवे पार्सल से लेकर बस स्टैंड से वसूली करते और उसका हिस्सा जीवा तक पहुंचाते थे। इतना ही नहीं कई बड़े कारोबारियों और बिल्डरों से भी रकम वसूलकर जीवा को भेजी जाती थी। 2019 में पार्सल कारोबारी से वसूली और धमकी देने के मामले में पुलिस ने दोनों भाईयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि जीवा को भी इस मामले में नामजद किया गया था।
जमीन के मामलों में था ज्यादा हस्तक्षेप
जीवा का हरिद्वार में जमीनों के मामलों में ज्यादा हस्तक्षेप था। बेशकीमती जमीन को लेकर ही प्राॅपर्टी डीलर सुभाष सैनी से उसकी ठन गई थी। जीवा सुभाष की करीब आठ बीघा जमीन को 1999 से खरीदना चाहता था, लेकिन मनमाफिक दाम न मिलने से सुभाष जमीन देने को तैयार नहीं था। ऐसे में जीवा ने सुभाष को रास्ते से हटाने की ठान ली। वर्ष 2012 में सुभाष के घर पर फायरिंग कराई। फिर 2017 में हत्या के लिए शूटर भेजे, लेकिन दोनों ही बार सुभाष बच गया।
गोल्डी के अलावा इनकी भी कराई हत्या
जीवा ने हरिद्वार के ही भारतेंदू हांडा की हत्या कराई थी। जबकि 2007 में ट्रैवल्स कारोबारी चौधरी हरवीर की भी हत्या करवाई। बसपा नेता व ट्रैवल्स कारोबारी कृष्ण मुरारी पर भी हमला करवाया, हालांकि मुरारी बच गए थे। ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में भी जीवा का नाम सामने आया था।
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