राकेश खंडूड़ी, अमर उजाला, देहरादून
Updated Thu, 14 Jan 2021 11:12 AM IST
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उत्तराखंड के करीब नौ लाख वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रदेश में मोबाइल केयर यूनिट और फिजियोथैरेपी क्लीनिक की मुफ्त सुविधा मिलेगी। जो बुजुर्ग गरीबी के हालात में हैं, उन्हें आजीविका जुटाने के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके मल्टी सर्विस सेंटर संचालित होंगे, जहां वे मनोरंजन, आध्यात्मिक व धार्मिक गतिविधियों जुड़ कर अपनी जीवन यात्रा को और अधिक जीवंत बना सकेंगे।
समाज कल्याण विभाग ने इसकी एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिस पर शासन ने अपनी मुहर लगा दी है। ये सारी गतिविधियां स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित की जानी है, जिसके लिए सरकार की ओर से उन्हें अनुदान दिया जाएगा। विभाग की ओर से ऐसी इच्छुक एजेंसियों से आवेदन मांग लिए गए हैं। कार्ययोजना का मुख्य ध्येय वरिष्ठ नागिरकों की वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण, आश्रय व उनके जानमाल की सुरक्षा है।
दीर्घकालिक होगी योजना
केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार की यह कार्ययोजना दीर्घकालिक होगी। दुर्गम, पिछड़े, झुग्गी झोपड़ी मे रहने वाले बुजुर्गों के अलावा गांवों और शहरों में रहने वाले सभी तरह के वरिष्ठ नागरिकों को इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
यह कार्ययोजना यदि पूरी तरह से धरातल पर उतर गई तो इससे राज्य के उन बुजुर्गों को अधिक फायदा होगा, जो गरीब हैं या एकाकी जीवन गुजार रहे हैं। मोबाइल मेडिकेयर यूनिट के माध्यम से उन्हें इलाज की सुविधा मिलेगी। साथ ही फिजियोथेरेपी क्लीनिक में भी वे स्वास्थ्य लाभ सकेंगे। प्रत्येक मोबाइल यूनिट हर महीने कम से कम 400 वरिष्ठ नागरिकों को कवर करेगी।
स्वयं सहायता समूह बनेंगे
वरिष्ठ नागरिकों को आजीविका आधारित गतिविधि से जोड़ने के लिए स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे। एक जगह इकट्ठा होकर उन्हें सामाजिक एवं रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। इससे उनमें एकाकी जीवन की नीरसता से छुटकारा मिलेगा।
शासन ने कार्ययोजना मंजूर कर दी है। कार्ययोजना पर विभाग ने काम करना आरंभ कर दिया है। ऐसी गतिविधियों को संचालित करने वाली अनुभवी एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए आवेदन मांगें गए हैं। योजना राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत फायदेमंद होगी।
- विनोद गिरी गोस्वामी, निदेशक, समाज कल्याण
सार
- नौ लाख वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए कार्ययोजना तैयार
- बीमार होने पर मिलेगा मोबाइल केयर यूनिट व फिजियोथैरेपी क्लीनिक में इलाज
- मनोरंजन, आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए बनेंगे मल्टी सर्विस सेंटर
- कार्ययोजना पर शासन की लगी मुहर, योजना के संचालन को एजेंसी की तलाश शुरू
विस्तार
उत्तराखंड के करीब नौ लाख वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रदेश में मोबाइल केयर यूनिट और फिजियोथैरेपी क्लीनिक की मुफ्त सुविधा मिलेगी। जो बुजुर्ग गरीबी के हालात में हैं, उन्हें आजीविका जुटाने के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके मल्टी सर्विस सेंटर संचालित होंगे, जहां वे मनोरंजन, आध्यात्मिक व धार्मिक गतिविधियों जुड़ कर अपनी जीवन यात्रा को और अधिक जीवंत बना सकेंगे।
समाज कल्याण विभाग ने इसकी एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिस पर शासन ने अपनी मुहर लगा दी है। ये सारी गतिविधियां स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित की जानी है, जिसके लिए सरकार की ओर से उन्हें अनुदान दिया जाएगा। विभाग की ओर से ऐसी इच्छुक एजेंसियों से आवेदन मांग लिए गए हैं। कार्ययोजना का मुख्य ध्येय वरिष्ठ नागिरकों की वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण, आश्रय व उनके जानमाल की सुरक्षा है।
दीर्घकालिक होगी योजना
केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार की यह कार्ययोजना दीर्घकालिक होगी। दुर्गम, पिछड़े, झुग्गी झोपड़ी मे रहने वाले बुजुर्गों के अलावा गांवों और शहरों में रहने वाले सभी तरह के वरिष्ठ नागरिकों को इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
इलाज की सुविधा मिल सकेगी
यह कार्ययोजना यदि पूरी तरह से धरातल पर उतर गई तो इससे राज्य के उन बुजुर्गों को अधिक फायदा होगा, जो गरीब हैं या एकाकी जीवन गुजार रहे हैं। मोबाइल मेडिकेयर यूनिट के माध्यम से उन्हें इलाज की सुविधा मिलेगी। साथ ही फिजियोथेरेपी क्लीनिक में भी वे स्वास्थ्य लाभ सकेंगे। प्रत्येक मोबाइल यूनिट हर महीने कम से कम 400 वरिष्ठ नागरिकों को कवर करेगी।
स्वयं सहायता समूह बनेंगे
वरिष्ठ नागरिकों को आजीविका आधारित गतिविधि से जोड़ने के लिए स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे। एक जगह इकट्ठा होकर उन्हें सामाजिक एवं रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। इससे उनमें एकाकी जीवन की नीरसता से छुटकारा मिलेगा।
शासन ने कार्ययोजना मंजूर कर दी है। कार्ययोजना पर विभाग ने काम करना आरंभ कर दिया है। ऐसी गतिविधियों को संचालित करने वाली अनुभवी एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए आवेदन मांगें गए हैं। योजना राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत फायदेमंद होगी।
- विनोद गिरी गोस्वामी, निदेशक, समाज कल्याण