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एक्सक्लूसिव: शून्य से 4.2 प्रतिशत नीचे है उत्तराखंड की विकास दर, दो साल से राजस्व घाटा झेल रही है सरकार

सुधाकर भट्ट, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Sat, 06 Mar 2021 02:40 AM IST
सार

  • एफआरबीएम के तहत प्रदेश सरकार ने जारी किए अनुमान, वर्ष 2022 में दहाई से ऊपर की विकास दर का अनुमान

रुपये(प्रतीकात्मक तस्वीर)
रुपये(प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : pixabay

विस्तार

वर्ष 2020-21 के लिए उत्तराखंड की विकास दर शून्य से 4.2 नीचे रहने का अनुमान है। प्रदेश सरकार यह भी मान रही है कि अगले साल इस विकास दर में खासा इजाफा होगा। फिस्कल रेस्पॉन्सिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट (एफआरबीएम) एक्ट के तहत प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई मध्यकालिक राजकोषीय नीति के अनुमान बता रहे हैं कि सरकार के सारे पूर्वानुमान ध्वस्त होते रहे हैं।



पिछले दो साल के बजट में सरकार लगातार राजस्व सरप्लस का अनुमान लगाती रही लेकिन एक बार के वास्तविक आंकड़े और एक बार के संशोधित आंकड़े बता रहे हैं कि प्रदेश सरकार के अनुमान सही साबित नहीं हुए। सरकार एक बार 22 करोड़ रुपये के राजस्व सरप्लस का अनुमान लगा रही थी और उसे दो हजार करोड़ के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ा। इस बार भी तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकार राजस्व बचत का बजट लेकर आई है। 


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इस साल खत्म हो जाएगा कोरोना का असर 
सरकार के अनुमान पर विश्वास करें तो वर्ष 2022 में विकास दर 14 प्रतिशत रह सकती है। यह तब है जब सरकार ने कोरोना के कारण इस बार शून्य से चार प्रतिशत कम विकास दर का अनुमान लगाया है। राजस्व में वृद्धि दर करीब सात प्रतिशत ली गई है और इसी तरह से वेतन, पेंशन आदि में इजाफा भी सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। 

न कमाई और न ही खर्च कर पा रहे हैं बजट 
एफआरबीएम के तहत की गई समीक्षा से यह भी जाहिर हो रहा है कि प्रदेश सरकार पिछले दो साल में अनुमान के हिसाब से न तो स्वयं का राजस्व ही हासिल कर पाई और न ही खर्च कर पाई। वर्ष 2021-22 में सरकार ने पूंजीगत परिव्यय में भी चार प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। चुनावी वर्ष में भी सरकार ठिठकने को मजबूर है। 


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वर्ष 2019-20 
- 22 करोड़ रुपये के राजस्व सरप्लस का अनुमान था। साल के अंत में  2136 करोड़ का राजस्व घाटा रहा।
- 78 प्रतिशत स्वयं का कर राजस्व ही हासिल कर पाई सरकार। 14736 करोड़ का अनुमान था। केवल 11513 करोड़ रुपये ही मिल पाए।
- 84 प्रतिशत राजस्व खर्च कर पाई सरकार
- 7657 करोड़ रहा राजकोषीय घाटा। सरकार ने 6798 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया था। 

बजट 2020-21
- शून्य से 4.2 प्रतिशत कम विकास दर रहने का है अनुमान
- 49.66 करोड़ रुपये राजस्व सरप्लस का अनुमान था। 3080 करोड़ रहा साल के अंत में राजस्व घाटा
- 78 प्रतिशत स्वयं का कर राजस्व ही हासिल कर पाई सरकार 
- 94 प्रतिशत रहा राजस्व खर्च। पंजीगत खर्च बढ़ा दिया था सरकार ने 
- 10802 करोड़ रहा राजकोषीय घाटा। 7549 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान था। 

बजट 2021-22 
- विकास दर 14 प्रतिशत रहने का अनुमान है।  
- करीब 29 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे वेतन, पेंशन और ब्याज पर
- 12754 करोड़ रुपये का होगा स्वयं का कर राजस्व 

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