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ठीक एक सप्ताह पूर्व छह सितंबर को खिर्सू ब्लॉक के संगेलधार गांव में हुई 70 वर्षीय वृद्धा पूर्णा देवी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली।
शुक्रवार को हत्या के आरोपी नाबालिग युवक को पुलिस थाना परिसर में लेकर आई। शनिवार को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
मोबाइल की चाहत में हत्यासंगेलधार गांव में बीते शुक्रवार की सायं वृद्धा पूर्णा देवी की हत्या मोबाइल की चाहत में हुई थी। अपना गुनाह स्वीकार करते हुए पूर्णा देवी के दूर के रिश्ते के पोते ने यह बात पुलिस तथा ग्रामीणों के समक्ष कही है।
पढें, राजधानी में चौथा दिन, दूसरी हत्या और नाकाम पुलिसगलत आदतों का शिकार हो चुका किशोर तीन माह पहले अपने ही घर से ढाई हजार रूपए, जबकि पूर्णा देवी के यहां से 500 रूपए पहले भी चुरा चुका था।
नाबालिग है हत्यारोपीपत्रकार वार्ता में विवेचना अधिकारी थानाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि नाबालिग हत्यारोपी की मां, ग्रामीणों तथा आरोपी किशोर के बयान लिए जा चुके हैं।
घटना के दिन सायं करीब सात बजे किशोर ने अपनी मां से कहा कि दादी (पूर्णा देवी) ने चारपाई खिसकाने के लिए बुलाया है और मैं खाना भी वहीं खाऊंगा।
घर पर ही खाना खायाकुछ देर बाद वह लौट आया और फिर उसने अपने घर पर ही खाना खाया। दूसरे दिन जब उक्त किशोर की मां को मालूम हुआ कि पूर्णा देवी की हत्या हो चुकी है, तो वह घबरा गई।
पुलिस की पूछताछ के दौरान गांव वालों तथा मां ने यह शक पुलिस के समक्ष रखा, जिससे पुलिस को जांच में मदद मिली।
गला दबाने की कोशिशआरोपी किशोर ने अपने बयान में मोबाइल खरीदने के लिए रूपयों की जरूरत बताई, जिसके लिए वह सोच-समझकर पूर्णा देवी को मारने के लिए पहुंचा था।
उसने बताया है कि उसने पूर्णा देवी को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और फिर दोनों हाथों से गला दबाने की कोशिश की। पूर्णा देवी के छटपटाने पर पास रखी दरांती भी गले के पास मारी। इसके बाद अपना दाहिना पैर गले पर रखकर उसका गला दबा दिया।
ठीक एक सप्ताह पूर्व छह सितंबर को खिर्सू ब्लॉक के संगेलधार गांव में हुई 70 वर्षीय वृद्धा पूर्णा देवी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली।
शुक्रवार को हत्या के आरोपी नाबालिग युवक को पुलिस थाना परिसर में लेकर आई। शनिवार को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
मोबाइल की चाहत में हत्या
संगेलधार गांव में बीते शुक्रवार की सायं वृद्धा पूर्णा देवी की हत्या मोबाइल की चाहत में हुई थी। अपना गुनाह स्वीकार करते हुए पूर्णा देवी के दूर के रिश्ते के पोते ने यह बात पुलिस तथा ग्रामीणों के समक्ष कही है।
पढें, राजधानी में चौथा दिन, दूसरी हत्या और नाकाम पुलिस
गलत आदतों का शिकार हो चुका किशोर तीन माह पहले अपने ही घर से ढाई हजार रूपए, जबकि पूर्णा देवी के यहां से 500 रूपए पहले भी चुरा चुका था।
नाबालिग है हत्यारोपी
पत्रकार वार्ता में विवेचना अधिकारी थानाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि नाबालिग हत्यारोपी की मां, ग्रामीणों तथा आरोपी किशोर के बयान लिए जा चुके हैं।
घटना के दिन सायं करीब सात बजे किशोर ने अपनी मां से कहा कि दादी (पूर्णा देवी) ने चारपाई खिसकाने के लिए बुलाया है और मैं खाना भी वहीं खाऊंगा।
घर पर ही खाना खाया
कुछ देर बाद वह लौट आया और फिर उसने अपने घर पर ही खाना खाया। दूसरे दिन जब उक्त किशोर की मां को मालूम हुआ कि पूर्णा देवी की हत्या हो चुकी है, तो वह घबरा गई।
पुलिस की पूछताछ के दौरान गांव वालों तथा मां ने यह शक पुलिस के समक्ष रखा, जिससे पुलिस को जांच में मदद मिली।
गला दबाने की कोशिश
आरोपी किशोर ने अपने बयान में मोबाइल खरीदने के लिए रूपयों की जरूरत बताई, जिसके लिए वह सोच-समझकर पूर्णा देवी को मारने के लिए पहुंचा था।
उसने बताया है कि उसने पूर्णा देवी को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और फिर दोनों हाथों से गला दबाने की कोशिश की। पूर्णा देवी के छटपटाने पर पास रखी दरांती भी गले के पास मारी। इसके बाद अपना दाहिना पैर गले पर रखकर उसका गला दबा दिया।