प्रदेश की नौकरशाही में एक बार फिर भारी फेरबदल हुआ है। त्रिवेंद्र सरकार ने करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया है। अमर उजाला अखबार ने उत्तराखंड में एनएच-74 घोटाले से जुड़ी खबर ब्रेक की थी। अब गौर करने वाली बात ये है कि उस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले आईएएस अधिकारी का भाजपा सरकार ने ट्रांसफर कर दिया है।
अमर उजाला ने अपनी एक्सक्लूसिव खबर में बताया था कि सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर इस मामले में दर्ज एफआईआर और सीबीआई जांच के फैसले पर चिंता जताई थी।
कुमाउं कमिश्नर रहते हुए सैंथिल पांडियन, जिन्होंने एनएच-74 घोटाले का पर्दाफाश किया था, उनके स्थान पर देहरादून के चंद्रशेखर भट्ट को नियुक्ति दी गई है। चंद्रशेखर वर्तमान में महानिदेशक सूचना के पद पर कार्यरत थे। अब उनकी जिम्मेदारी डा. पंकज कुमार पांडेय को दी गई है।
डी सैंथिल पांडियन से चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव की जिम्मेदारी भी वापस ली गई है। उन्हें परिवहन विभाग का प्रभारी सचिव बनाया गया है। सेंथिल के तबादले पर सवाल यह उठा है कि एनएच घोटाले की न सीबीआई जांच शुरू हुई और न ही जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कार्रवाई की। उससे पहले ही मुख्य जांच अधिकारी बदल दिए गए।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव का कद एक बार फिर बढ़ाते हुए उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का दायित्व सौंपा गया है। इसके अलावा बड़ा फेरबदल एमडीडीए के सचिव के पद पर हुआ है। इसमें मौजूदा वीसी वी षणमुगम को हटाकर उनके स्थान पर विनय शंकर पांडे को नियुक्ति दी गई है। आईएएस अधिकारी उमाकांत पांडे से प्रमुख सचिव खेल एवं परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी वापस ली गई है।
आईएएस मनीषा पंवार से प्रमुख सचिव श्रम सेवायोजन तथा आईएएस अधिकारी अमित सिंह नेगी से आयुक्त कर का चार्ज लिया गया है। अमित सिंह नेगी को सचिव आवास की जिम्मेदारी, जबकि आर मीनाक्षी सुंदरम को सचिव तीर्थाटन धार्मिक मेला का अतिरिक्त प्रभार मिला है।
हरबंश सिंह चुग को प्रभारी सचिव श्रम सेवायोजन बनाया गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के सीईओ का पद देख रहे अरविंद सिंह ह्यांकी को भी अपने पद से पदमुक्त कर दिया गया है। समाज कल्याण के प्रभारी सचिव के रुप में उषा शुक्ला की तैनाती की गई है।
आईएएस रंजीत कुमार सिन्हा को सचिव मानवाधिकार आयोग और चंद्रेश कुमार यादव को अपर सचिव, ग्राम्य विकास बनाया गया है। इंदुधर नए अपर सचिव सचिवालय प्रशासन बनाए गए हैं। श्रीधर बाबू अद्दांकी को कर और निदेशक लेखा परीक्षा का आयुक्त बनाया गया है।
प्रदेश की नौकरशाही में एक बार फिर भारी फेरबदल हुआ है। त्रिवेंद्र सरकार ने करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया है। अमर उजाला अखबार ने उत्तराखंड में एनएच-74 घोटाले से जुड़ी खबर ब्रेक की थी। अब गौर करने वाली बात ये है कि उस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले आईएएस अधिकारी का भाजपा सरकार ने ट्रांसफर कर दिया है।
अमर उजाला ने अपनी एक्सक्लूसिव खबर में बताया था कि सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर इस मामले में दर्ज एफआईआर और सीबीआई जांच के फैसले पर चिंता जताई थी।
कुमाउं कमिश्नर रहते हुए सैंथिल पांडियन, जिन्होंने एनएच-74 घोटाले का पर्दाफाश किया था, उनके स्थान पर देहरादून के चंद्रशेखर भट्ट को नियुक्ति दी गई है। चंद्रशेखर वर्तमान में महानिदेशक सूचना के पद पर कार्यरत थे। अब उनकी जिम्मेदारी डा. पंकज कुमार पांडेय को दी गई है।
डी सैंथिल पांडियन से चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव की जिम्मेदारी भी वापस ली गई है। उन्हें परिवहन विभाग का प्रभारी सचिव बनाया गया है। सेंथिल के तबादले पर सवाल यह उठा है कि एनएच घोटाले की न सीबीआई जांच शुरू हुई और न ही जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कार्रवाई की। उससे पहले ही मुख्य जांच अधिकारी बदल दिए गए।