ब्यूरो/अमर उजाला, मुनिकीरेती ।
हिंदी फिल्मों के लेखक व चर्चित फिल्म पद्मावत के कथा-पटकथा लेखक व उपन्यासकार तेजपाल सिंह धामा शुक्रवार को परमार्थ निकेतन पहुंचे। कहानीकार धामा ने आश्रमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि से भेंट की व उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि फिल्म पद्मावती का विरोध एक साजिश के तहत हुआ था। जबकि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिसका विरोध किया जाता। बताया कि फिल्म के बारे में सही जानकारी लोगों को फिल्म देखने के बाद मिली। उनका कहना है कि फिल्म को देखे बिना उसका विरोध किया जाना गलत है। अमर उजाला से बातचीत के दौरान धामा ने बताया कि फिल्म पद्मावत का लोगों द्वारा किया गया विरोध गलत था। विरोध करने वालों ने बिना फिल्म को देखे ही अलाउद्दीन खिलजी को पद्मावती का प्रेमी बता कर प्रचारित किया, जबकि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं दर्शाया गया था।
लिहाजा लोगों को सही तथ्यों की जानकारी फिल्म देखने बाद मिल पाई। बताया कि उनकी कहानी पर आधारित कॉमेडी फिल्म परवेज मुसर्रफ बनकर तैयार है, जिसे सेंसर बोर्ड में मंजूरी मिल चुकी है। फिल्म जल्द रिलीज होने को है। लेखक धामा ने बताया कि उनकी अधिक रुचि उपन्यास लेखन में है। उनके द्वारा लिखे गए 35 उपन्यास प्रकाशित हो चुुके हैं, जिसमें पृथ्वीराज चौहान पर आधारित अपराजित विजेता काफी चर्चित उपन्यास रहा। धामा द्वारा लिखे गए उपन्यास हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू भाषाओं में प्रकाशित हो चुुके हैं। देशवासियों के नाम संदेश में लेखक तेजपाल सिंह धामा ने आगाह किया कि वर्तमान समय में भारतीय संस्कृति खतरे में है। लिहाजा सबसे पहले हमें अपनी परंपराओं व संस्कृति का संरक्षण करना होगा। उनका कहना है कि हमें हिंदू व मुस्लिम नहीं मनुष्य बनने की जरूरत है।