सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू हुए कई महीने बीतने के बाद भी मकान किराया भत्ता समेत अन्य भत्तों पर फैसला नहीं होने से उपजे असंतोष को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। संकेत है कि इसमें सरकार द्वारा बनाई गई एक समिति की अंतिम रिपोर्ट पर चर्चा होगी।
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट पर कर्मचारी संघों की कई आपत्तियों के बाद सरकार ने कुछ समितियों का गठन कर चर्चा आरंभ की थी। इन समितियों को कर्मचारियों की समस्या का समाधान चार महीने में करना था, लेकिन अब आठ महीने होने वाले हैं। इस वजह से कर्मचारियों के बीच उपजे असंतोष को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय में इन दिनों सक्रियता बढ़ गई है।
खबर है कि सरकार की ओर से बनाई गई तीन समितियों में से एक, जिसके पास भत्ते का मुद्दा भी था, ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है और जल्द ही यह समिति अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप देगी। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की बैठक में इस रिपोर्ट पर भी चर्चा हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के रेलवे, डाक विभाग व आयकर विभाग समेत कई विभागों के कर्मचारी इस बात से काफी नाराज चल रहे हैं कि सरकार की ओर से कर्मचारी की मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आयकर कर्मचारी महासंघ के प्रमुख अशोक कनौजिया का कहना है कि सरकार कर्मचारियों के साथ टालमटोल का रवैया अपना रही है। जिस रिपोर्ट को सरकार को चार महीने में दे दिया जाना चाहिए था, वह रिपोर्ट अभी तक नहीं तैयार है। कर्मचारी इस बात से भी नाराज हैं कि उन्हें लगता है कि सरकार कर्मचारियों को भत्ता देने में भी जान-बूझ कर देरी कर रही है।
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भत्तों से जुड़े मामलों को सरकार 1 अप्रैल 2017 को अधिसूचित कर सकती है। यह तारीख इसलिए ताकि नए वित्त वर्ष से कर्मचारियों को नया भत्ता मिले। हालांकि इससे कर्मचारियों को कुछ घाटा भी होगा, क्योंकि पुनरीक्षित वेतन का भुगतान न हो तो वह बकाया के शक्ल में मिल जाता है, लेकिन भत्ते के मामले में कोई बकाया नहीं मिलता।
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू हुए कई महीने बीतने के बाद भी मकान किराया भत्ता समेत अन्य भत्तों पर फैसला नहीं होने से उपजे असंतोष को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। संकेत है कि इसमें सरकार द्वारा बनाई गई एक समिति की अंतिम रिपोर्ट पर चर्चा होगी।
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट पर कर्मचारी संघों की कई आपत्तियों के बाद सरकार ने कुछ समितियों का गठन कर चर्चा आरंभ की थी। इन समितियों को कर्मचारियों की समस्या का समाधान चार महीने में करना था, लेकिन अब आठ महीने होने वाले हैं। इस वजह से कर्मचारियों के बीच उपजे असंतोष को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय में इन दिनों सक्रियता बढ़ गई है।
खबर है कि सरकार की ओर से बनाई गई तीन समितियों में से एक, जिसके पास भत्ते का मुद्दा भी था, ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है और जल्द ही यह समिति अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप देगी। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की बैठक में इस रिपोर्ट पर भी चर्चा हो सकती है।