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‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट से संन्यास लिया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज के बाद सचिन के संन्यास पर मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
बतौर चयनकर्ता अपने कार्यकाल के अंत के करीब पहुंच चुके पाटिल ने सचिन की रिटायरमेंट से जुड़े सवाल पर मौन साधे रखा। सचिन का रिटायरमेंट अब भी एक गुत्थी बना हुआ है। पाटिल ने रिपोर्टरों के इस सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया जब उन्होंने पूछा कि क्या सचिन को खराब फॉर्म के चलते रिटायरमेंट लेने के लिए कहा गया था।
संदीप पाटिल ने कहा, ‘चयनकर्ता होने के नाते सबसे खराब बात यह है कि आप अपने कई दोस्त खो देते हैं। कुछ बातें बोर्ड और चयनकर्ताओं के बीच ही रहना बेहतर है। हमने कुछ कड़े फैसले भी लिए, जिसके चलते आज टीम सभी फॉर्मेट में बढ़िया खेल दिखा रही है।’
हालांकि पाटिल ने उन ‘दोस्तों’ का नाम नहीं बताया, जिन्हें वो ‘खो’ चुके हैं। बतौर चीफ सेलेक्टर पाटिल का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो जाएगा।
तेंदुलकर का रिटायरमेंट तुरंत बुलाई गई सीरीज से हुआ। सचिन ने अपना 200वां और आखरी टेस्ट नवंबर 2013 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम खेला। वानखेड़े सचिन का घरेलू मैदान है। सचिन के रिटायरमेंट के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज आनन-फानन में प्लान की गई थी।
इस सीरीज की घोषणा के बाद कयास लगाए गए कि सचिन को रिटायरमेंट के लिए कहा गया है। मास्टर ब्लास्टर ने जनवरी 2011 से कोई शतक नहीं लगाया था। पिछली 20 पारियों में उन्होंने सिर्फ 3 अर्धशतक लगाए थे।
उस दौर में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने नंबर चार के लिए ठोस दावेदारी पेश की थी। इसलिए कई जानकारों ने अनुमान लगाया कि सचिन को सम्मानजनक विदाई के लिए कह दिया गया है।
इससे पहले रिकी पॉन्टिंग, माइकल क्लार्क और जैक कैलिस जैसे बड़े दिग्गजों ने अपनी रिटायरमेंट सीरीज खुद ही प्लान की थी, मगर उपमहाद्वीप के सितारों के साथ ऐसा नहीं हुआ। राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने भी संन्यास की घोषणा अचानक ही की थी।
‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट से संन्यास लिया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज के बाद सचिन के संन्यास पर मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
बतौर चयनकर्ता अपने कार्यकाल के अंत के करीब पहुंच चुके पाटिल ने सचिन की रिटायरमेंट से जुड़े सवाल पर मौन साधे रखा। सचिन का रिटायरमेंट अब भी एक गुत्थी बना हुआ है। पाटिल ने रिपोर्टरों के इस सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया जब उन्होंने पूछा कि क्या सचिन को खराब फॉर्म के चलते रिटायरमेंट लेने के लिए कहा गया था।
संदीप पाटिल ने कहा, ‘चयनकर्ता होने के नाते सबसे खराब बात यह है कि आप अपने कई दोस्त खो देते हैं। कुछ बातें बोर्ड और चयनकर्ताओं के बीच ही रहना बेहतर है। हमने कुछ कड़े फैसले भी लिए, जिसके चलते आज टीम सभी फॉर्मेट में बढ़िया खेल दिखा रही है।’
हालांकि पाटिल ने उन ‘दोस्तों’ का नाम नहीं बताया, जिन्हें वो ‘खो’ चुके हैं। बतौर चीफ सेलेक्टर पाटिल का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो जाएगा।
आनन-फानन में प्लान हुआ सचिन का फेयरवेल?
क्रिकेट
तेंदुलकर का रिटायरमेंट तुरंत बुलाई गई सीरीज से हुआ। सचिन ने अपना 200वां और आखरी टेस्ट नवंबर 2013 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम खेला। वानखेड़े सचिन का घरेलू मैदान है। सचिन के रिटायरमेंट के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज आनन-फानन में प्लान की गई थी।
इस सीरीज की घोषणा के बाद कयास लगाए गए कि सचिन को रिटायरमेंट के लिए कहा गया है। मास्टर ब्लास्टर ने जनवरी 2011 से कोई शतक नहीं लगाया था। पिछली 20 पारियों में उन्होंने सिर्फ 3 अर्धशतक लगाए थे।
उस दौर में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने नंबर चार के लिए ठोस दावेदारी पेश की थी। इसलिए कई जानकारों ने अनुमान लगाया कि सचिन को सम्मानजनक विदाई के लिए कह दिया गया है।
इससे पहले रिकी पॉन्टिंग, माइकल क्लार्क और जैक कैलिस जैसे बड़े दिग्गजों ने अपनी रिटायरमेंट सीरीज खुद ही प्लान की थी, मगर उपमहाद्वीप के सितारों के साथ ऐसा नहीं हुआ। राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने भी संन्यास की घोषणा अचानक ही की थी।