टी-20 विश्व कप के बाद हेड कोच रवि शास्त्री के साथ गेंदबाजी में टीम इंडिया को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर की भी विदाई हो सकती है।हालांकि बोर्ड अरुण के काम से बेहद प्रभावित है। लेकिन दोनों ही प्रशिक्षकों की बोर्ड से नजदीकियां छुपी नहीं है। बोर्ड के सूत्रों को कहना है कि दोनों ने ही अब तक आगे काम करने की इच्छा नहीं जताई है। ऐसे में बोर्ड को हेड कोच के साथ दोनों का विकल्प तलाशना पड़ सकता है।
अरुण के कार्यकाल में गेंदबाजों ने लगाई ऊंची छलांग
टीम इंडिया की बीते पांच वर्षों में उल्लेखनीय सफलता का बड़ा श्रेय उसके तेज गेंदबाजी विभाग को जाता है। इसके पीछे भरत अरुण की कोचिंग का भी हाथ है। उनके गेंदबाजी कोचिंग कार्यकाल में ही टीम इंडिया तेज गेंदबाजी विभाग में दुनिया की टॉप टीमों में शुमार हुआ। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी, मुहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, उमेश यादव, टी नटराजन, इशांत शर्मा ने जिस तरह अपनी गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया को विजय दिलाई।
उसके पीछे अरुण की कोचिंग को काफी हद तक जिम्मेदार माना गया है। ठीक यही स्थिति श्रीधर के साथ भी है। उनकी कोचिंग में टीम इंडिया की फील्डिंग उच्चस्तरीय है। यही कारण है कि बोर्ड मैनेजमेंट कहीं न कहीं इन दोनों के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों खुद इच्छा नहीं जताएंगे तो उन्हें कैसे रखा जाएगा।
शास्त्री के कार्यकाल में मिली खुली छूट
शास्त्री, अरुण और श्रीधर की जबरदस्त केमेस्ट्री किसी से छुपी नहीं है। दोनों ही प्रशिक्षकों को शास्त्री के समय में खुली छूट मिली। दोनों ने अपनी मनमर्जी के मुताबिक काम किया जिसके नतीजे भी सामने आए। सूत्रों का कहना है कि हो सकता है नए हेड कोच के कार्यकाल में वैसी स्वतंत्रता दोनों को नहीं मिल पाए। वैसे सूत्र यहां तक कहते हैं कि बोर्ड के सदस्य अरुण से बात भी करेंगे।
विस्तार
टी-20 विश्व कप के बाद हेड कोच रवि शास्त्री के साथ गेंदबाजी में टीम इंडिया को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर की भी विदाई हो सकती है।हालांकि बोर्ड अरुण के काम से बेहद प्रभावित है। लेकिन दोनों ही प्रशिक्षकों की बोर्ड से नजदीकियां छुपी नहीं है। बोर्ड के सूत्रों को कहना है कि दोनों ने ही अब तक आगे काम करने की इच्छा नहीं जताई है। ऐसे में बोर्ड को हेड कोच के साथ दोनों का विकल्प तलाशना पड़ सकता है।
अरुण के कार्यकाल में गेंदबाजों ने लगाई ऊंची छलांग
टीम इंडिया की बीते पांच वर्षों में उल्लेखनीय सफलता का बड़ा श्रेय उसके तेज गेंदबाजी विभाग को जाता है। इसके पीछे भरत अरुण की कोचिंग का भी हाथ है। उनके गेंदबाजी कोचिंग कार्यकाल में ही टीम इंडिया तेज गेंदबाजी विभाग में दुनिया की टॉप टीमों में शुमार हुआ। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी, मुहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, उमेश यादव, टी नटराजन, इशांत शर्मा ने जिस तरह अपनी गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया को विजय दिलाई।
उसके पीछे अरुण की कोचिंग को काफी हद तक जिम्मेदार माना गया है। ठीक यही स्थिति श्रीधर के साथ भी है। उनकी कोचिंग में टीम इंडिया की फील्डिंग उच्चस्तरीय है। यही कारण है कि बोर्ड मैनेजमेंट कहीं न कहीं इन दोनों के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों खुद इच्छा नहीं जताएंगे तो उन्हें कैसे रखा जाएगा।
शास्त्री के कार्यकाल में मिली खुली छूट
शास्त्री, अरुण और श्रीधर की जबरदस्त केमेस्ट्री किसी से छुपी नहीं है। दोनों ही प्रशिक्षकों को शास्त्री के समय में खुली छूट मिली। दोनों ने अपनी मनमर्जी के मुताबिक काम किया जिसके नतीजे भी सामने आए। सूत्रों का कहना है कि हो सकता है नए हेड कोच के कार्यकाल में वैसी स्वतंत्रता दोनों को नहीं मिल पाए। वैसे सूत्र यहां तक कहते हैं कि बोर्ड के सदस्य अरुण से बात भी करेंगे।