विज्ञापन

छत्तीसगढ़: माता सीता ने मवई नदी में पखारे थे पांव, बनाई थी रसोई, रामायण काल से जुड़ी हैं कई स्मृतियां

अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर Published by: ललित कुमार सिंह Updated Sun, 21 May 2023 07:48 PM IST
Mata Sita wash her feet in Mawai river, made kitchen, related to Ramayana in Chhattisgarh
1 of 8
छत्तीसगढ़ को तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है। यहां अनेक धार्मिक स्थल भी हैं। ऐसा ही धार्मिक स्थल सीतामढ़ी हरचौका है। जहां छत्तीसगढ़ में सबसे पहले यहीं माता सीता ने मवई नदी में पांव पखारे थे। इस जगह को पुण्य भूमि माना जाता है। यहीं पर माता सीता ने रसोई स्थापित की थी। छत्तीसगढ़ के लोगों ने श्रीराम से जुड़ी स्मृतियां को सहेजकर रखा है। सीएम भूपेश बघेल ने रामवनगमन पर्यटन परिपथ विकसित कर इस पुण्यभूमि को संवारने की अनुपम पहल की है।
Mata Sita wash her feet in Mawai river, made kitchen, related to Ramayana in Chhattisgarh
2 of 8
विज्ञापन
छत्तीसगढ़ के पावन भूमि में मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के सीतामढ़ी हरचौका पुण्य भूमि माना जाता है। इस जगह में प्रभु श्रीराम और माता सीता वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ के इसी जगह में कदम पड़े थे। तब से यह भूमि पुण्यभूमि हो गई। माता सीता ने मवई नदी पैर पखारे थे। प्रभु श्रीराम ने वनवास के दौरान अपना आरंभिक समय यहीं बिताया था। माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने उनका साथ निभाया। यहां माता सीता ने रसोई बनाई और इस वनप्रदेश में भगवान श्रीराम की गृहस्थी बसी। भगवान श्रीराम से जुड़े इस पुण्यस्थल के बारे में स्थानीय जनश्रुतियां तो थीं, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन नक्शे में इस जगह की जानकारी थी।
विज्ञापन
Mata Sita wash her feet in Mawai river, made kitchen, related to Ramayana in Chhattisgarh
3 of 8
भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास काल का अधिकांश समय सीतामढ़ी हरचौका में दण्डकारण्य में व्यतीत हुआ। भगवान श्रीराम, पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास काल में जहां-जहां ठहरे हैं। उनके चरण जहां पड़े हैं। ऐसे 75 स्थानों को चिन्हांकित किया गया हैै। इनमें से प्रथम 9 स्थानों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार ने की है। राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना की शुरूआत मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के सीतामढ़ी हरचौका नामक स्थान से होती है। दण्डकारण्य का प्रारंभिक स्थल मवई नदी के किनारे स्थित सीतामढ़ी हरचौका है। सीतामढ़ी- हरचौका के पुरातात्विक परिपथ के प्रमुख स्थलों का पर्यटन तीर्थ के रूप में विकास किया जा रहा है। रामकथा के अरण्य कांड के अद्भुत सुंदर और अविस्मरणीय स्मृतियों को समेटे हुए है। 
Mata Sita wash her feet in Mawai river, made kitchen, related to Ramayana in Chhattisgarh
4 of 8
विज्ञापन
सीतामढ़ी हरचौका में विशाल शिलाखंड स्थित है। इसे लोग भगवान राम का पद चिन्ह मानते हैं। लोक आस्था और विश्वास के कारण लोग शिलाखंड की पूजा-अर्चना करते है। प्रभु राम के पदचिन्ह का पुरातात्विक महत्व होने के कारण इस पर शोध कार्य भी जारी है। छत्तीसगढ़ में राम लोक मानस में बसे हैं। यह सुखद संयोग है कि छत्तीसगढ़ में उनसे जुड़े अनेक स्थान हैं जो उनके प्रसंगों को रेखांकित करते हैं। वनवासी राम का संपूर्ण जीवन सामाजिक समरसता का प्रतीक है। भगवान राम ने वनगमन के समय हमेशा समाज के वंचित वर्ग को गले लगाया।
विज्ञापन
विज्ञापन
Mata Sita wash her feet in Mawai river, made kitchen, related to Ramayana in Chhattisgarh
5 of 8
विज्ञापन
लोक आस्था के केन्द्र के रूप सीतामढ़ी-हरचौका को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। नदी के घाट का सौंदर्यकरण चल रहा है। यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए आश्रम भी निर्माणाधीन है। खान-पान की व्यवस्था के लिए कैफेटेरिया भी बनाया जा रहा है। यहां से भगवान राम की 25 फीट ऊंची प्रतिमा भी नजर आएगी।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें