न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दुर्ग
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 20 May 2022 08:46 PM IST
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पुलिस ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की भर्ती परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी के मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दुर्ग जिले के पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि सीआईएसएफ अधिकारियों की शिकायत पर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के निवासी चन्द्रशेखर (20), श्याम वीर सिंह निषाद (20), महेन्द्र सिंह (19), अजित सिंह (19), दुर्गेश सिंह (31) और हरिओम (25) को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की 18 तारीख को सीआईएसएफ के निरीक्षक लोकेश कुमार कुर्रे ने जिले के उतई थाना में सीआईएसएफ के आरक्षक जीडी 2021 की परीक्षा के दौरान भर्ती बोर्ड को धोखा देकर चयन प्रक्रिया में कुछ लोगों के शामिल होने की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि शारीरिक जांच के दौरान जब अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच की गई, तब फिंगर प्रिंट तथा फोटो में समानता नहीं थी।
उन्होंने बताया कि सीआईएसएफ के अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब आरोपियों से पूछताछ की गई तब उन्होंने बताया कि उन्होंने सीआईएसएफ में भर्ती कराने के लिये प्रत्येक अभ्यर्थी से पांच-पांच लाख रुपये लिए और फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे।
विस्तार
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पुलिस ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की भर्ती परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी के मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दुर्ग जिले के पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि सीआईएसएफ अधिकारियों की शिकायत पर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के निवासी चन्द्रशेखर (20), श्याम वीर सिंह निषाद (20), महेन्द्र सिंह (19), अजित सिंह (19), दुर्गेश सिंह (31) और हरिओम (25) को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की 18 तारीख को सीआईएसएफ के निरीक्षक लोकेश कुमार कुर्रे ने जिले के उतई थाना में सीआईएसएफ के आरक्षक जीडी 2021 की परीक्षा के दौरान भर्ती बोर्ड को धोखा देकर चयन प्रक्रिया में कुछ लोगों के शामिल होने की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि शारीरिक जांच के दौरान जब अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच की गई, तब फिंगर प्रिंट तथा फोटो में समानता नहीं थी।
उन्होंने बताया कि सीआईएसएफ के अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब आरोपियों से पूछताछ की गई तब उन्होंने बताया कि उन्होंने सीआईएसएफ में भर्ती कराने के लिये प्रत्येक अभ्यर्थी से पांच-पांच लाख रुपये लिए और फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे।