आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि एसबीआई के साथ निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए अहम बैंक हैं। ये घरेलू स्तर पर प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) या संस्थान बने हुए हैं। तीनों बैंक इतने महत्वपूर्ण हैं कि अगर ये डूबे तो देश का अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी।
एसआईबी के तहत आने वालों बैंकों को महत्वपूर्ण माना जाता है। इन बैंकों के लिए संकट के समय सरकार से समर्थन की उम्मीद होती है। इस धारणा के कारण इन बैंकों को वित्तपोषण बाजार में कुछ लाभ मिलते हैं।
इन बैंकों को ऐसा बैंक भी माना जाता है, जिनका असफल होना इतना नुकसानदेह हो सकता है कि नीति बनाने वाले इनके विफल होने का कोई भी जोखिम नहीं उठा सकते। ऐसे में नीतियों का निर्धारण इस आधार पर किया जाता है कि इन महत्वपूर्ण बैंको के लिए जोखिमों को कम-से-कम किया जा सके।
2015 में एसबीआई हुआ था शामिल
आरबीआई ने कहा कि यह 2020 की डी-एसआईबी की सूची के समान संरचना के तहत है। डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त साझा इक्विटी पूंजी (टियर-1) जरूरत को एक अप्रैल, 2016 से चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया और एक अप्रैल, 2019 से प्रभावी हो गया। केंद्रीय बैंक ने 2015 में एसबीआई और 2016 में आईसीआईसीआई बैंक को इस श्रेणी में शामिल किया था। मार्च, 2017 की स्थिति के अनुसार, एचडीएफसी बैंक को भी डी-एसआईबी श्रेणी में शामिल किया गया।
आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि एसबीआई के साथ निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए अहम बैंक हैं। ये घरेलू स्तर पर प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) या संस्थान बने हुए हैं। तीनों बैंक इतने महत्वपूर्ण हैं कि अगर ये डूबे तो देश का अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी।
एसआईबी के तहत आने वालों बैंकों को महत्वपूर्ण माना जाता है। इन बैंकों के लिए संकट के समय सरकार से समर्थन की उम्मीद होती है। इस धारणा के कारण इन बैंकों को वित्तपोषण बाजार में कुछ लाभ मिलते हैं।
इन बैंकों को ऐसा बैंक भी माना जाता है, जिनका असफल होना इतना नुकसानदेह हो सकता है कि नीति बनाने वाले इनके विफल होने का कोई भी जोखिम नहीं उठा सकते। ऐसे में नीतियों का निर्धारण इस आधार पर किया जाता है कि इन महत्वपूर्ण बैंको के लिए जोखिमों को कम-से-कम किया जा सके।
2015 में एसबीआई हुआ था शामिल
आरबीआई ने कहा कि यह 2020 की डी-एसआईबी की सूची के समान संरचना के तहत है। डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त साझा इक्विटी पूंजी (टियर-1) जरूरत को एक अप्रैल, 2016 से चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया और एक अप्रैल, 2019 से प्रभावी हो गया। केंद्रीय बैंक ने 2015 में एसबीआई और 2016 में आईसीआईसीआई बैंक को इस श्रेणी में शामिल किया था। मार्च, 2017 की स्थिति के अनुसार, एचडीएफसी बैंक को भी डी-एसआईबी श्रेणी में शामिल किया गया।