साल 2018 में एक्सप्रेस एंट्री स्कीम के तहत 39,500 भारतीय नागरिकों ने कनाडा में स्थायी निवास हासिल किया है, जो कुल संख्या का 43 फीसदी है। साल 2018 में एक्सप्रेस एंट्री स्कीम के तहत कनाडा में कुल 92,000 लोगों ने स्थायी निवास हासिल किया है। यह संख्या इससे पिछले साल के मुकाबले में 41 फीसदी अधिक है।
2017 में 26300 भारतीयों ने हासिल किया था स्थायी निवास
वहीं साल 2017 में एक्सप्रेस एंट्री स्कीम के तहत 65500 लोगों ने कनाडा में स्थायी निवास हासिल किया था, जिसमें से 40 फीसदी यानी 26300 लोग भारतीय थे। 2017 की तुलना में साल 2018 में 51 फीसदी अधिक भारतीयों ने कनाडा की स्थायी निवास हासिल किया है।
आइए जानते हैं कनाडा में स्थायी निवास हासिल करने के मामले में कौन से देश शीर्ष पर रहे।
देश |
2018 |
2017 |
पिछले साल की तुलना में बढ़त (फीसदी में) |
भारत |
39,667 |
26,331 |
51 |
नाइजीरिया |
6,653 |
2,878 |
131 |
चीन |
5,885 |
5,737 |
3 |
कुल संख्या |
92,231 |
65,423 |
41 |
भारत के बाद नाइजीरिया रहा दूसरे स्थान पर
2017 में कनाडा में स्थायी निवास हासिल करने के मामले में दूसरा स्थान चीन का था। लेकिन 2018 में चीन के मात्र 5,800 लोगों ने कनाडा में स्थायी निवास हासिल किया और इसके साथ ही यह तीसरे स्थान पर आ गया। 2018 में दूसरे स्थान पर नाइजीरिया रहा।
क्या है एक्सप्रेस एंट्री स्कीम ?
बता दें कि एक्सप्रेस एंट्री एक ऐसा सिस्टम है, जिसके तहत कनाडा की सरकार स्किल्ड और क्वालिफाइड लोगों के स्थायी निवास के लिए आवेदन को मैनेज करती है।
आवेदक का बनता है ऑनलाइन प्रोफाइल
इस स्कीम के तहत आवेदक का एक ऑनलाइन प्रोफाइल बनाया जाता है और उन्हें उनके सीआरएस स्कोर के आधार पर एंट्री पूल में रखा जाता है।
सीआरएस में जॉब ऑफर, उम्र, शिक्षा, अनुभव और अग्रेंजी और फ्रेंच में कुशलता जैसे मानकों को देखा जाता है। जो लोग कट ऑफ मार्क को पार कर लेते हैं, उन्हें स्थायी निवास के लिए अप्लाई करने का मौका मिलता है।
इसलिए अमेरिका नहीं बन रहा है भारत की पहली पसंद
ट्रंप प्रशासन ने पिछले साल 38 हजार कम एच1बी वीजा जारी किए थे। हाल ही में अमेरिका के आव्रजन विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था। पिछले साल 3,35,000 एच1बी वीजा को मंजूरी दी गई थी, जबकि 2017 में इनकी संख्या 3,73,400 थी। एच1बी वीजा के लिए सबसे ज्यादा भारतीय आवेदन करते हैं। लेकिन भारतीयों को वीजा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
एच1बी वीजा में देरी, ग्रीन कार्ड बैकलॉग या फिर पति व पत्नी को एच1बी वीजा ना मिलने के चलते कई भारतीय अमेरिका से कनाडा शिफ्ट हो रहे हैं। भारत में रह रहे लोग भी नौकरी या स्थायी निवास के लिए अमेरिका की जगह कनाडा को तरजीह दे रहे हैं।
साल 2018 में एक्सप्रेस एंट्री स्कीम के तहत 39,500 भारतीय नागरिकों ने कनाडा में स्थायी निवास हासिल किया है, जो कुल संख्या का 43 फीसदी है। साल 2018 में एक्सप्रेस एंट्री स्कीम के तहत कनाडा में कुल 92,000 लोगों ने स्थायी निवास हासिल किया है। यह संख्या इससे पिछले साल के मुकाबले में 41 फीसदी अधिक है।
2017 में 26300 भारतीयों ने हासिल किया था स्थायी निवास
वहीं साल 2017 में एक्सप्रेस एंट्री स्कीम के तहत 65500 लोगों ने कनाडा में स्थायी निवास हासिल किया था, जिसमें से 40 फीसदी यानी 26300 लोग भारतीय थे। 2017 की तुलना में साल 2018 में 51 फीसदी अधिक भारतीयों ने कनाडा की स्थायी निवास हासिल किया है।
आइए जानते हैं कनाडा में स्थायी निवास हासिल करने के मामले में कौन से देश शीर्ष पर रहे।
देश |
2018 |
2017 |
पिछले साल की तुलना में बढ़त (फीसदी में) |
भारत |
39,667 |
26,331 |
51 |
नाइजीरिया |
6,653 |
2,878 |
131 |
चीन |
5,885 |
5,737 |
3 |
कुल संख्या |
92,231 |
65,423 |
41 |
भारत के बाद नाइजीरिया रहा दूसरे स्थान पर
2017 में कनाडा में स्थायी निवास हासिल करने के मामले में दूसरा स्थान चीन का था। लेकिन 2018 में चीन के मात्र 5,800 लोगों ने कनाडा में स्थायी निवास हासिल किया और इसके साथ ही यह तीसरे स्थान पर आ गया। 2018 में दूसरे स्थान पर नाइजीरिया रहा।
क्या है एक्सप्रेस एंट्री स्कीम ?
बता दें कि एक्सप्रेस एंट्री एक ऐसा सिस्टम है, जिसके तहत कनाडा की सरकार स्किल्ड और क्वालिफाइड लोगों के स्थायी निवास के लिए आवेदन को मैनेज करती है।
आवेदक का बनता है ऑनलाइन प्रोफाइल
इस स्कीम के तहत आवेदक का एक ऑनलाइन प्रोफाइल बनाया जाता है और उन्हें उनके सीआरएस स्कोर के आधार पर एंट्री पूल में रखा जाता है।
सीआरएस में जॉब ऑफर, उम्र, शिक्षा, अनुभव और अग्रेंजी और फ्रेंच में कुशलता जैसे मानकों को देखा जाता है। जो लोग कट ऑफ मार्क को पार कर लेते हैं, उन्हें स्थायी निवास के लिए अप्लाई करने का मौका मिलता है।
इसलिए अमेरिका नहीं बन रहा है भारत की पहली पसंद
ट्रंप प्रशासन ने पिछले साल 38 हजार कम एच1बी वीजा जारी किए थे। हाल ही में अमेरिका के आव्रजन विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था। पिछले साल 3,35,000 एच1बी वीजा को मंजूरी दी गई थी, जबकि 2017 में इनकी संख्या 3,73,400 थी। एच1बी वीजा के लिए सबसे ज्यादा भारतीय आवेदन करते हैं। लेकिन भारतीयों को वीजा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
एच1बी वीजा में देरी, ग्रीन कार्ड बैकलॉग या फिर पति व पत्नी को एच1बी वीजा ना मिलने के चलते कई भारतीय अमेरिका से कनाडा शिफ्ट हो रहे हैं। भारत में रह रहे लोग भी नौकरी या स्थायी निवास के लिए अमेरिका की जगह कनाडा को तरजीह दे रहे हैं।