दिमागी बुखार यानी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कहर से हो रही मासूमों की मौत के बीच जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से लोग आक्रोशित हैं। मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को चुनावी नतीजों के बाद से गायब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के लापता होने के बैनर लगवाए गए थे और उन्हें ढूंढ़कर लाने वाले को 5100 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। वहीं, शनिवार को वैशाली में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और स्थानीय विधायक के लापता होने के बैनर लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया।
वैशाली जिले के हरिवंशपुर गांव में स्थानीय लोगों ने बैनर और तख्ती के साथ आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। बैनर में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और स्थानीय विधायक के लापता होने का स्लोगन लिखा था। केंद्रीय मंत्री को ढूंढ़कर लाने वाले को 15 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है, जबकि स्थानीय विधायक को ढूंढ़कर लाने वाले को पांच हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई है।
लोगों का कहना था कि एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से यहां के पांच बच्चों की मौत होने के बावजूद न तो केंद्रीय मंत्री और न ही स्थानीय विधायक हालात का जायजा लेने पहुंचे हैं।
मालूम हो कि बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का कहर जारी है। इस दिमागी बुखार से अबतक 164 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि अकेले मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में मरने वाले मासूमों की संख्या 128 हो गई है। एसकेएमसीएच में 108 और केजरीवाल अस्पताल में 20 लोगों की मौत हुई है। इस बीमारी से अबतक 500 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं।
दिमागी बुखार यानी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कहर से हो रही मासूमों की मौत के बीच जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से लोग आक्रोशित हैं। मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को चुनावी नतीजों के बाद से गायब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के लापता होने के बैनर लगवाए गए थे और उन्हें ढूंढ़कर लाने वाले को 5100 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। वहीं, शनिवार को वैशाली में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और स्थानीय विधायक के लापता होने के बैनर लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया।
वैशाली जिले के हरिवंशपुर गांव में स्थानीय लोगों ने बैनर और तख्ती के साथ आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। बैनर में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और स्थानीय विधायक के लापता होने का स्लोगन लिखा था। केंद्रीय मंत्री को ढूंढ़कर लाने वाले को 15 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है, जबकि स्थानीय विधायक को ढूंढ़कर लाने वाले को पांच हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई है।
लोगों का कहना था कि एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से यहां के पांच बच्चों की मौत होने के बावजूद न तो केंद्रीय मंत्री और न ही स्थानीय विधायक हालात का जायजा लेने पहुंचे हैं।
मालूम हो कि बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का कहर जारी है। इस दिमागी बुखार से अबतक 164 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि अकेले मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में मरने वाले मासूमों की संख्या 128 हो गई है। एसकेएमसीएच में 108 और केजरीवाल अस्पताल में 20 लोगों की मौत हुई है। इस बीमारी से अबतक 500 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं।