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जदयू एमएलसी बोले- न मुसलमान खतरे में है, न हिंदू और न ही देश; केंद्र दो कमेटी की सिफारिशें माने

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: न्यूज डेस्क Updated Sat, 26 Nov 2022 04:21 PM IST
सार

जदयू एमएलसी गुलाम गौस ने कहा कि गरीब पिछड़ा दलित मुसलमानों की बात किसी प्रधानमंत्री ने की तो वह नरेंद्र मोदी हैं। साथ ही, उन्होंने भाजपा पर ओवैसी के बहाने निशाना भी साधा- “आपके साथ तो हैदराबादी बिरयानी भी है”।

JDU MLC said - Neither the Muslim is in danger, nor the Hindu or the country
पसमांदा मुसलमानों को लेकर भाजपा का कार्यक्रम विधान परिषद में। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

संविधान दिवस के बहाने दलित-मुसलमानों को जोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित हो रहे कार्यक्रम के दरम्यान पटना में जनता दल यूनाईटेड के एमएलसी गुलाम गौस ने मंच लूट लिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राम माधव की मौजूदगी में गौस ने कहा कि न तो मुसलमान खतरे में है, न हिंदू और न ही देश। केंद्र सरकार की नीयत साफ है तो वह रंगनाथ मिश्रा कमेटी और सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू कर दे। तमाम विरोधाभास खत्म हो जाएंगे। गौस ने कहा कि गरीब पिछड़ा दलित मुसलमानों की बात किसी प्रधानमंत्री ने की तो वह नरेंद्र मोदी हैं। इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। साथ ही, उन्होंने भाजपा पर ओवैसी के बहाने निशाना भी साधा- “आपके साथ तो हैदराबादी बिरयानी भी है”।

देश के सभी मुसलमान तो पहले हिंदू ही थे: गौस


'वंचित पसमांदा विमर्श एवं समाज' कार्यक्रम शनिवार को बिहार विधान परिषद के उप भवन सभागार में हो रहा था। भाजपा नेता संजय पासवान इसका संचालन कर रहे थे। मुस्लिम समुदाय में 80 फीसदी दलित मुसलमानों की आबादी मानी जाती है, जिसे साधने की दिशा में भाजपा यह कार्यक्रम कर रही है। इसी कार्यक्रम में गुलाम गौस ने इतिहास से वर्तमान तक की बातें की। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के लोग छुआछूत और भेदभाव रखते हैं। इसी ब्राह्मणवादी व्यवस्था के कारण लोगों ने मजबूरी में मुस्लिम धर्म अपनाया। हिंदुस्तान के सभी मुसलमान पहले हिंदू थे। ईसाई धर्म के साथ भी यही हुआ। दलित और पिछड़ों को यदि सुविधाएं दी जाएंगी, तो वह दूसरे धर्म में नहीं जाएंगे।

400 दलित मुसलमान सांसद बने, मगर आवाज मोदी उठा रहे: माधव

बाद में राम माधव ने अपने संबोधन में गौस के सवालों का भी खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा- “संविधान के जरिए दलित और वंचित समाज को आगे बढ़ाया जा सकता है और उसी का प्रमाण है कि आद देश की राष्ट्रपति आदिवासी समाज से हैं।हमारे यहां कहावत है कि जब तक बच्चा रोता नहीं, मां भी दूध नहीं पिलाती। फिर पिछले 72 साल में 400 दलित मुसलमानों के सांसद बनने के बावजूद कितनी बार आवाज उठाई गई? आज देश के प्रधानमंत्री ने खुद आवाज उठाई है। प्रधानमंत्री अगर पसमांंदा की बात कर रहे हैं तो उन्हें उनका हक मिलना ही चाहिए। पसमांदा का नेतृत्व बढ़ना चाहिए। हिंदुओं का स्वाभाव है कि जब किसी को कंधा देना होता है, तभी चार साथ आते हैं। पहले मुस्लिम भी हिन्दू थे, स्वाभाव तो रहेगा ही। अपने समाज को आगे बढ़ाना है तो आवाज बुंलद कीजिए। आप लोगों की बातों को आगे तक ले जाऊंगा।"

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