ब्राजील में हाल में 2 फीट लंबे और 16 पाउंड (7.3 किलो) वजनी शिशु का जन्म हुआ। बड़े आकार की वजह से अस्पताल में इस शिशु एंगरसन सांटोस का जन्म सीजेरियन सेक्शन से करवाया गया। इस प्रकार के शिशु को चिकित्सा विज्ञान में 'मैक्रोसोमिया' कहा जाता है। इनका आकार बढ़ने के पीछे कई वजहें होती हैं तो इसके कई दुष्प्रभाव भी मां पर होते हैं।
इस बारे में लैंकेस्टर विवि में प्रोफेसर और क्लिनिकल एनाटॉमी लर्निंग सेंटर के निदेशक डॉ. एडम टेलर ने बताया कि मैक्रोसोमिया ग्रीक शब्द है, अर्थ है विशाल शरीर। औसत बालक शिशु 7 पाउंड 6 आउंस यानी 3.3 किलोग्राम और बालिका शिशु 7 पाउंड 2 आउंस 3.2 किलोग्राम वजनी होते हैं। सभी 4 किलोग्राम से ज्यादा वजनी शिशु मैक्रोसोमिया कहे जाते हैं। दुनिया में जन्मे 12 प्रतिशत शिशु मैक्रोसोमिया होते हैं। बालक शिशु के ऐसा होने की संभावना ज्यादा होती है।
सबसे ज्यादा वजनी शिशु 10.2 किलो का था
अब तक जन्मी सबसे भारी बालिका शिशु 15 पाउंड यानी 6.8 किलोग्राम वजनी थी। उसका जन्म 2016 में हुआ, एंगरसन उससे भारी है। वहीं सबसे वजनी शिशु का जन्म 1955 में इटली में हुआ था, उसका वजन 22 पाउंड 8 आउंस यानी 10.2 किलो था।
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