अमेरिका के व्हाइट हाउस में शुक्रवार को (भारतीय समयानुसार देर रात) क्वाड देशों की बैठक खत्म हुई। भारत की तरफ से इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोवाल और विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला शामिल हुए। बैठक में संबोधन की शुरुआत अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने की। उनके ठीक बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने क्वाड साझेदारों को संबोधित किया।
मोदी ने इस दौरान कहा, "पहली फिजिकल क्वाड समिट की ऐतिहासिक पहल के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद। हम चार देश पहली बार 2004 की सुनामी के बाद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की मदद के लिए एक साथ आए थे। आज जब विश्व कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहा है, तो क्वाड के रूप में हम एक बार फिर मिलकर मानवता के हित में जुटे हैं। हमारा क्वाड वैक्सीन इनीशिएटिव हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों की मदद करेगा।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "अपने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड ने सकारात्मक सोच, सकारात्मक नजरिए के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। सप्लाई चेन हो या वैश्विक सुरक्षा हो, जलवायु के मुद्दे पर कार्रवाई हो या कोविड रिस्पॉन्स या फिर तकनीक में सहयोग; इन सभी विषयों पर मुझे अपने साथियों से चर्चा कर बहुत खुशी होगी। हमारा क्वाड एक तरह से फोर्स फॉर ग्लोबल गुड की भूमिका में काम करेगा। मुझे विश्वास है क्वाड में हमारा सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र और विश्व में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करेगा।"
क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति?
क्वाड देशों की बैठक में सबसे पहला संबोधन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के पीएम योशिहिदे सुगा का स्वागत किया। बाइडन ने कहा, "इस समूह में सभी लोकतांत्रिक साझेदार हैं, जो कि दुनिया का नजरिया साझा करते हैं और भविष्य के लिए एक जैसे विचार रखते हैं। यह सभी देश हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए साथ आए हैं।" बाइडन ने कहा कि आज से 6 महीने पहले जब हमारी मुलाकात हुई थी; तब हमने मुक्त हिंद-प्रशांत के एजेंडे पर बात की थी। आज मैं यह गर्व से कहना चाहूंगा कि हमने बेहतरीन प्रगति की है।
बाइडन ने आगे कहा, "हमारे टीका उत्पादन की पहल के तहत ही भारत अतिरिक्त एक अरब वैक्सीन डोज का उत्पादन करेगा। यह वैक्सीन डोज वैश्विक सप्लाई को तेज करेंगी।" उन्होंने आगे बताया- "आज हम चारों क्वाड देशों के छात्रों के लिए क्वाड फेलोशिप भी लॉन्च कर रहे हैं। ताकि स्टेम (साइंस-टेक्नोलॉजी एंड मैथमेटिक्स) जैसे कार्यक्रमों में एडवांस डिग्री के लिए छात्र अमेरिका में आकर पढ़ाई कर सकें। यह हमारी ओर से कल के नेतृत्वकर्ताओं, नवप्रवर्तक और अगुवाओं को बनाने का निवेश होगा।"
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने संबोधन में क्या कहा?
क्वाड में मोदी के बाद अगला नंबर ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन का था। उन्होंने कहा, "हम खुले और आजाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भरोसा करते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि इसी तरह एक क्षेत्र मजबूत और समृद्ध रहता है।" उन्होंने आगे कहा, "क्वाड यह दर्शाने का मंच है कि हमारे जैसे लोकतंत्र कैसे साथ मिलकर काम करते हैं। दुनिया का ऐसा कोई हिस्सा इतना गतिशील नहीं है, जितना इस समय हिंद-प्रशांत का क्षेत्र है।"
जापानी पीएम बोले- क्षेत्रीय चुनौतियां हों या कोरोना, क्वाड ने हमेशा सहयोग किया
जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने आखिर में बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "हम यहां पहली बार आमने-सामने क्वाड बैठक के लिए इकट्ठा हुए हैं। यह समिट हम चार देशों के बीच साझा रिश्तों और एक मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।" क्वाड एक बेहद अहम पहल है। यह पहल उन चार देसों ने की है, जो मौलिक अधिकारों में भरोसा करते हैं और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मुक्त रहने का समर्थन करते हैं। आज तक क्वाड ने कई बड़े सेक्टरों में अपना मजबूत सहयोग दिया है, चाहे वह क्षेत्रीय चुनौतियां हों या कोरोनावायरस महामारी।
विस्तार
अमेरिका के व्हाइट हाउस में शुक्रवार को (भारतीय समयानुसार देर रात) क्वाड देशों की बैठक खत्म हुई। भारत की तरफ से इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोवाल और विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला शामिल हुए। बैठक में संबोधन की शुरुआत अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने की। उनके ठीक बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने क्वाड साझेदारों को संबोधित किया।
मोदी ने इस दौरान कहा, "पहली फिजिकल क्वाड समिट की ऐतिहासिक पहल के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद। हम चार देश पहली बार 2004 की सुनामी के बाद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की मदद के लिए एक साथ आए थे। आज जब विश्व कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहा है, तो क्वाड के रूप में हम एक बार फिर मिलकर मानवता के हित में जुटे हैं। हमारा क्वाड वैक्सीन इनीशिएटिव हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों की मदद करेगा।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "अपने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड ने सकारात्मक सोच, सकारात्मक नजरिए के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। सप्लाई चेन हो या वैश्विक सुरक्षा हो, जलवायु के मुद्दे पर कार्रवाई हो या कोविड रिस्पॉन्स या फिर तकनीक में सहयोग; इन सभी विषयों पर मुझे अपने साथियों से चर्चा कर बहुत खुशी होगी। हमारा क्वाड एक तरह से फोर्स फॉर ग्लोबल गुड की भूमिका में काम करेगा। मुझे विश्वास है क्वाड में हमारा सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र और विश्व में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करेगा।"
क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति?
क्वाड देशों की बैठक में सबसे पहला संबोधन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के पीएम योशिहिदे सुगा का स्वागत किया। बाइडन ने कहा, "इस समूह में सभी लोकतांत्रिक साझेदार हैं, जो कि दुनिया का नजरिया साझा करते हैं और भविष्य के लिए एक जैसे विचार रखते हैं। यह सभी देश हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए साथ आए हैं।" बाइडन ने कहा कि आज से 6 महीने पहले जब हमारी मुलाकात हुई थी; तब हमने मुक्त हिंद-प्रशांत के एजेंडे पर बात की थी। आज मैं यह गर्व से कहना चाहूंगा कि हमने बेहतरीन प्रगति की है।
बाइडन ने आगे कहा, "हमारे टीका उत्पादन की पहल के तहत ही भारत अतिरिक्त एक अरब वैक्सीन डोज का उत्पादन करेगा। यह वैक्सीन डोज वैश्विक सप्लाई को तेज करेंगी।" उन्होंने आगे बताया- "आज हम चारों क्वाड देशों के छात्रों के लिए क्वाड फेलोशिप भी लॉन्च कर रहे हैं। ताकि स्टेम (साइंस-टेक्नोलॉजी एंड मैथमेटिक्स) जैसे कार्यक्रमों में एडवांस डिग्री के लिए छात्र अमेरिका में आकर पढ़ाई कर सकें। यह हमारी ओर से कल के नेतृत्वकर्ताओं, नवप्रवर्तक और अगुवाओं को बनाने का निवेश होगा।"
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने संबोधन में क्या कहा?
क्वाड में मोदी के बाद अगला नंबर ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन का था। उन्होंने कहा, "हम खुले और आजाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भरोसा करते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि इसी तरह एक क्षेत्र मजबूत और समृद्ध रहता है।" उन्होंने आगे कहा, "क्वाड यह दर्शाने का मंच है कि हमारे जैसे लोकतंत्र कैसे साथ मिलकर काम करते हैं। दुनिया का ऐसा कोई हिस्सा इतना गतिशील नहीं है, जितना इस समय हिंद-प्रशांत का क्षेत्र है।"
जापानी पीएम बोले- क्षेत्रीय चुनौतियां हों या कोरोना, क्वाड ने हमेशा सहयोग किया
जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने आखिर में बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "हम यहां पहली बार आमने-सामने क्वाड बैठक के लिए इकट्ठा हुए हैं। यह समिट हम चार देशों के बीच साझा रिश्तों और एक मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।" क्वाड एक बेहद अहम पहल है। यह पहल उन चार देसों ने की है, जो मौलिक अधिकारों में भरोसा करते हैं और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मुक्त रहने का समर्थन करते हैं। आज तक क्वाड ने कई बड़े सेक्टरों में अपना मजबूत सहयोग दिया है, चाहे वह क्षेत्रीय चुनौतियां हों या कोरोनावायरस महामारी।