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OPCW: डूमा में 2018 के क्लोरीन हमले के लिए ओपीसीडब्ल्यू ने सीरिया को ठहराया जिम्मेदार, 43 लोगों की गई थी जान

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, हेग Published by: शिव शरण शुक्ला Updated Fri, 27 Jan 2023 10:53 PM IST
सार

सीरिया-अमेरिकी मेडिकल सोसाइटी ने बताया था कि पूर्वी गूटा क्षेत्र के डूमा में 500 से अधिक लोगों को स्वास्थ्य केंद्रों पर लाया गया था। सोसाइटी का कहना था कि इन लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ त्वचा का रंग नीला पड़ने और मुंह से झाग निकलने जैसी दिक्कतें पेश आ रही थीं।
 

Organisation for the Prohibition of Chemical Weapons blames Syria for 2018 deadly chlorine attack in Douma
OPCW - फोटो : ANI

विस्तार

साल 2018 में सीरिया के डूमा शहर में हुए क्लोरीन हमले के लिए हेग स्थित वैश्विक रासायनिक हथियार निगरानी संस्था ने शुक्रवार को सीरीया को जिम्मेदार ठहराया है। उस हमले में 43 लोग मारे गए थे। रासायनिक हथियारों के निषेध संगठन के इस खुलासे के बाद दमिश्क और पश्चिम के बीच तनाव को बढ़ गया है।



रासायनिक शस्त्र निषेध संगठन (OPCW) द्वारा की गई एक जांच में यह खुलासा किया गया है कि सीरिया की वायु सेना ने अप्रैल 2018 में डूमा शहर पर क्लोरीन गैस युक्त दो सिलेंडर गिराए थे। संगठन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 7 अप्रैल, 2018 को सीरियाई अरब वायु सेना एक एमआई-8/17 हेलीकॉप्टर ने दुमायर एयरबेस से प्रस्थान के बाद क्लोरीन गैस के दो पीले सिलेंडरों को गिरा दिया था। ये सिलेंडर दो रिहायशी इमारतों से टकराने के बाद टूट गए और जहरीली गैस तेजी से इमारत में फैल गई। इससे 43 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग प्रभावित हुए थे। 


अधिकारियों ने ये खुलासा 70 पर्यावरणीय और बायोमेडिकल नमूनों, 66 गवाहों के बयानों और फोरेंसिक विश्लेषणों, सेटेलाइट तस्वीरों, गैस फैलाव मॉडलिंग सहित अन्य डेटा की जांच के बाद किया था। 

ये घटना उस समय के विद्रोहियों की साजिश का हिस्सा थी, जो राजधानी दमिश्क के पास डूमा को फिर से हासिल करने की कोशिश में था। शुक्रवार को जारी की गई रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन काल में उनके देश के भीषण गृहयुद्ध के दौरान रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।

सीरिया-अमेरिकी मेडिकल सोसाइटी ने बताया था कि पूर्वी गूटा क्षेत्र के डूमा में 500 से अधिक लोगों को स्वास्थ्य केंद्रों पर लाया गया था। सोसाइटी का कहना था कि इन लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ त्वचा का रंग नीला पड़ने और मुंह से झाग निकलने जैसी दिक्कतें पेश आ रही थीं। इस बीच, दमिश्क और उसके सहयोगी मॉस्को ने दावा किया कि ये हमला संयुक्त राज्य अमेरिका के इशारे पर बचावकर्मियों द्वारा किया गया था। हालांकि ओपीसीडब्ल्यू ने निष्कर्ष निकाला है कि सीरियाई अरब वायु सेना इस हमले के लिए अपराधी हैं।

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