वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ओस्लो
Updated Fri, 09 Oct 2020 03:32 PM IST
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भूख से जंग के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को वर्ष 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
नोबेल पुरस्कार समिति वर्ष 2020 के लिए नोबल पुरस्कारों का एलान कर रही है। इस साल नोबेल शांति पुरस्कार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (विश्व खाद्य कार्यक्रम) को दिया गया है। समिति ने शुक्रवार को इसका एलान किया।
नोबेल समिति ने कहा कि भूख से निपटने और संघर्ष वाले इलाकों में शांति की स्थिति में सुधार की कोशिशों के लिए वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को शांति पुरस्कार दिया जा रहा है।
इस बार नोबेल शांति पुरस्कारों की दौड़ में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का नाम सबसे आगे था। इसके अलावा पर्यावरण के मुद्दों पर मुखर कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और प्रेस की आजादी का समर्थन करने वाले समूहों भी दावेदार बताए जा रहे थे। लेकिन आखिरकार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के सिर पर सहरा बंधा।
इस साल नोबेल शांति पुरस्कार का सम्मान पाने के लिए 300 से भी अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को नामांकित किया गया था। यह चौथी बार है जब इतनी बड़ी संख्या में इस सम्मान के लिए नामांकन हुआ है।
इस बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 318 नामों की सूची तैयार की गई थी। न तो इनके नामों का खुलासा किया जाता और न ही इन्हें नामित करनेवालों के नाम ही बताए जाते हैं। इस पुरस्कार के लिए कोई भी नामांकन भेज सकता है। नोबेल पुरस्कार समिति इसके लिए कोई औपचारिक सूची भी जारी नहीं करती है। समिति इन नामों पर चर्चा के बाद विजेता का चुनाव करती है।
पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को दिया गया था। उन्हें यह पुरस्कार उनके देश के चिर शत्रु इरिट्रिया के साथ संघर्ष को सुलझाने के लिए दिया गया था।
क्या है विश्व खाद्य कार्यक्रम
विश्व खाद्य कार्यक्रम भुखमरी मिटाने और खाद्य सुरक्षा पर संयुक्त राज्य की एजेंसी है। इस कार्यक्रम के तहत दुनिया भर में जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया जाता है। गृह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं जैसे आपात स्थितियों में यह काफी सक्रिय होती है।
इससे पहले, इस बार रसायन विज्ञान और भौतिक समेत कई क्षेत्रों में नोबल पुरस्कार का ऐलान किया जा चुका है। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में इस बार जीनोम एडिटिंग' की एक पद्धति विकसित करने के लिए इस वर्ष का पुरस्कार फ्रांस की विज्ञानी इमैनुएल शारपेंतिए और अमेरिका की जेनिफर डाउडना को दिया गया है। दोनों महिला विज्ञानियों ने अहम टूल आरआइएसपीआर-सीएएस9' को विकसित किया है। इसे जेनेटिक सीजर्स नाम दिया गया है।
भूख से जंग के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को वर्ष 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
नोबेल पुरस्कार समिति वर्ष 2020 के लिए नोबल पुरस्कारों का एलान कर रही है। इस साल नोबेल शांति पुरस्कार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (विश्व खाद्य कार्यक्रम) को दिया गया है। समिति ने शुक्रवार को इसका एलान किया।
नोबेल समिति ने कहा कि भूख से निपटने और संघर्ष वाले इलाकों में शांति की स्थिति में सुधार की कोशिशों के लिए वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को शांति पुरस्कार दिया जा रहा है।
इस बार नोबेल शांति पुरस्कारों की दौड़ में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का नाम सबसे आगे था। इसके अलावा पर्यावरण के मुद्दों पर मुखर कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और प्रेस की आजादी का समर्थन करने वाले समूहों भी दावेदार बताए जा रहे थे। लेकिन आखिरकार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के सिर पर सहरा बंधा।
इस साल नोबेल शांति पुरस्कार का सम्मान पाने के लिए 300 से भी अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को नामांकित किया गया था। यह चौथी बार है जब इतनी बड़ी संख्या में इस सम्मान के लिए नामांकन हुआ है।
इस बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 318 नामों की सूची तैयार की गई थी। न तो इनके नामों का खुलासा किया जाता और न ही इन्हें नामित करनेवालों के नाम ही बताए जाते हैं। इस पुरस्कार के लिए कोई भी नामांकन भेज सकता है। नोबेल पुरस्कार समिति इसके लिए कोई औपचारिक सूची भी जारी नहीं करती है। समिति इन नामों पर चर्चा के बाद विजेता का चुनाव करती है।
पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को दिया गया था। उन्हें यह पुरस्कार उनके देश के चिर शत्रु इरिट्रिया के साथ संघर्ष को सुलझाने के लिए दिया गया था।
क्या है विश्व खाद्य कार्यक्रम
विश्व खाद्य कार्यक्रम भुखमरी मिटाने और खाद्य सुरक्षा पर संयुक्त राज्य की एजेंसी है। इस कार्यक्रम के तहत दुनिया भर में जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया जाता है। गृह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं जैसे आपात स्थितियों में यह काफी सक्रिय होती है।
इससे पहले, इस बार रसायन विज्ञान और भौतिक समेत कई क्षेत्रों में नोबल पुरस्कार का ऐलान किया जा चुका है। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में इस बार जीनोम एडिटिंग' की एक पद्धति विकसित करने के लिए इस वर्ष का पुरस्कार फ्रांस की विज्ञानी इमैनुएल शारपेंतिए और अमेरिका की जेनिफर डाउडना को दिया गया है। दोनों महिला विज्ञानियों ने अहम टूल आरआइएसपीआर-सीएएस9' को विकसित किया है। इसे जेनेटिक सीजर्स नाम दिया गया है।