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Johnson and Johnson Covid vaccine FDA approves single-shot jab
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अमेरिका में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की वैक्सीन को मिली मंजूरी, दी जाएगी केवल एक खुराक
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 28 Feb 2021 08:04 AM IST
अमेरिका में तीसरी वैक्सीन को मिली मंजूरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
- फोटो : सोशल मीडिया
अमेरिका को कोविड-19 का तीसरा टीका मिलने जा रहा है, इससे कोरोना वायरस संक्रमण से जूझे रहे अमेरिका में टीकाकरण की गति तेज हो सकेगी। व्हाइट हाउस की ओर से बताया गया है कि 'अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कोविड-19 महामारी को हराने में मदद करने के लिए 'जॉनसीन' कोविड-19 (जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की वैक्सीन) वैक्सीन को तीसरे सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन के रूप में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।
इसकी खास बात यह है कि अन्य टीकों की दो खुराक के विपरीत इस टीके की एक ही खुराक देने की जरूरत होगी। अमेरिका में महामारी से अब तक पांच लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एफडीए ने 22 वोटो की सर्वसम्मति के साथ इस वैक्सीन को मंजूरी दी है।
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की वैक्सीन का तीन देशों में क्लिनिकल परीक्षण हुआ। इन परीक्षण में पाया गया कि जेएंडजे कंपनी की वैक्सीन अमेरिका में 85.9 फीसदी, दक्षिण अफ्रीका में 81.7 फीसदी और ब्राजील में 87.6 फीसदी तक प्रभावी रही है। ये तीनों वो देश हैं, जहां कोरोना वायरस के खतरनाक वेरिएंट मिले।
मैरियन काउंटी, इंडियाना के जनस्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉक्टर वर्जीनिया कैनी ने कहा कि जिस टीके का इस्तेमाल आसान होगा, अधिकारियों के लिए वही टीका अधिक मनमाफिक होगा। उन्होंने कहा कि चुनौती यह होगी कि अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना के टीकों की बड़ी सफलता के बाद लोगों को यह समझाना चुनौतीपूर्ण होगा कि जॉनसन एंड जॉनसन का टीका कितना प्रभावी है। मॉडर्ना और फाइजर टीके की दो खुराक कोराना वायरस के खिलाफ लगभग 95 प्रतिशत प्रभावी पाई गई हैं।
गंभीर मामलों में 85 फीसदी प्रभावी है वैक्सीन
जॉनसन एंड जॉनसन के टीके की एक खुराक महामारी के गंभीर मामलों में 85 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है, जबकि हल्के मामलों को देखें तो इसका प्रभाव लगभग 66 प्रतिशत रह जाता है। इस टीके का परीक्षण अमेरिका, लातिन अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में ऐसे समय हुआ है जब वायरस के अधिक घातक नए स्वरूप भी सामने आ गए हैं, जबकि मॉडर्ना और फाइजर के टीकों के परीक्षण के समय यह स्थिति नहीं थी।
हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यह अमेरिका के नागरिकों के लिए किसी खुशी से कम नहीं है लेकिन फिर मैं अमेरिकीवासियों से अपील करूंगा कि वो लगातार हाथ धोते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें और मास्क पहनकर रखें।
वैक्सीन का भंडार करने में दिक्कत नहीं होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये वैक्सीन 35.6 और 46.4 फारेनहाइट के तापमान में रखी जा सकती है। बता दें कि अमेरिका में अब तक 4.45 करोड़ लोगों को फाइजर या मॉडर्ना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। वहीं करीब दो करोड़ लोगों को दूसरी खुराक मिल चुकी है।
जानकारों की माने तो इस वैक्सीन को लगाने के बाद हल्का दर्द, बुखार, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
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