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संयुक्त राष्ट्र की एटमी वॉचडॉग संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने पुष्टि की है कि ईरान ने एक भूमिगत एटमी संयंत्र का निर्माण शुरू कर दिया है। आईएईए के निरीक्षकों ने यह भी बताया कि ईरान ने कम समृद्ध यूरेनियम का भंडारण अधिक मात्रा में करना भी शुरू कर दिया है। हालांकि उन्होंने बताया कि यह मात्रा हथियार निर्माण के लिए पर्याप्त नहीं है।
आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने बताया कि फिलहाल ऐसा लग रहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम नहीं है। लेकिन उसने नतांज परमाणु स्थल पर जुलाई में हुए धमाके के बाद केंद्रीय इस्फहान प्रांत में नई साइट बनाना शुरू कर दिया है। परमाणु वॉचडॉग ने यह पता सेटेलाइट तस्वीरों की मदद से लगाया है।
हालांकि ग्रॉसी ने कहा कि परमाणु हथियार बनाने के लिए प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है और इस संबंध में ठोस प्रमाण खोजने में समय लगेगा। उन्होंने इसके बारे में कोई अन्य अधिक जानकारी देने से मना कर दिया।
बता दें कि ईरान पहले ही कह चुका था कि वह जुलाई धमाके के बाद क्षेत्र के आसपास के पहाड़ों पर नई साइट विकसित करेगा। यद्यपि नए खुलासे के बारे में ईरान के मिशन ने संयुक्त राष्ट्र में कोई जवाब नहीं दिया है।
संयुक्त राष्ट्र की एटमी वॉचडॉग संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने पुष्टि की है कि ईरान ने एक भूमिगत एटमी संयंत्र का निर्माण शुरू कर दिया है। आईएईए के निरीक्षकों ने यह भी बताया कि ईरान ने कम समृद्ध यूरेनियम का भंडारण अधिक मात्रा में करना भी शुरू कर दिया है। हालांकि उन्होंने बताया कि यह मात्रा हथियार निर्माण के लिए पर्याप्त नहीं है।
आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने बताया कि फिलहाल ऐसा लग रहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम नहीं है। लेकिन उसने नतांज परमाणु स्थल पर जुलाई में हुए धमाके के बाद केंद्रीय इस्फहान प्रांत में नई साइट बनाना शुरू कर दिया है। परमाणु वॉचडॉग ने यह पता सेटेलाइट तस्वीरों की मदद से लगाया है।
हालांकि ग्रॉसी ने कहा कि परमाणु हथियार बनाने के लिए प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है और इस संबंध में ठोस प्रमाण खोजने में समय लगेगा। उन्होंने इसके बारे में कोई अन्य अधिक जानकारी देने से मना कर दिया।
बता दें कि ईरान पहले ही कह चुका था कि वह जुलाई धमाके के बाद क्षेत्र के आसपास के पहाड़ों पर नई साइट विकसित करेगा। यद्यपि नए खुलासे के बारे में ईरान के मिशन ने संयुक्त राष्ट्र में कोई जवाब नहीं दिया है।