पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ये रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं कि रिपब्लिकन पार्टी के जो सांसद उनके साथ “विश्वासघात” कर रहे हैं, उनसे वे कैसे बदला लें। वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने पिछला पूरा सप्ताहांत अपने समर्थकों के साथ इसी सोच-विचार में बिताया। इस बीच ट्रंप खेमा लगातार भ्रामक संदेश दे रहा है। पहले खबर आई थी कि ट्रंप नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जिसका नाम वे पैट्रियॉट पार्टी रखेंगे। लेकिन अब बताया गया है कि वे “विश्वासघात” करने वाले सांसदों को अगले चुनाव की प्राइमरी (उम्मीदवार बनने के लिए पार्टी के अंदर होने वाले चुनाव) में हराने की रणनीति बना रहे हैं।
जो सांसद ट्रंप के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं, ट्रंप ने उन्हें “विश्वासघाती” माना है। महाभियोग प्रस्ताव कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव से पास हो चुका है। अगली 8 फरवरी से इस पर ऊपरी सदन यानी सीनेट में सुनवाई होगी। छह जनवरी को ट्रंप समर्थकों के कैपिटल हिल (संसद भवन) पर धावा बोलने की घटना को आधार बनाकर ये महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। आरोप है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को उकसाया और इस तरह उन्होंने चुनाव हारने के बावजूद अवैध ढंग से सत्ता हथियाने की कोशिश की। ट्रंप अमेरिकी इतिहास में पहले राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। हालांकि ट्रंप अब राष्ट्रपति नहीं हैं, लेकिन अगर ये प्रस्ताव पास हो गया, तो उन पर आगे चुनाव लड़ने पर रोक लग जाएगी।
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक ट्रंप खेमे ने पैट्रियॉट पार्टी या मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (मागा) पार्टी नाम से नई पार्टी बनाने पर विचार किया था। लेकिन अब सोच बनी है कि अगर महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया, तो फिर 2024 के चुनाव में ट्रंप उम्मीदवार नहीं बन सकेंगे। इस तरह नई पार्टी बनाना बेमतलब हो जाएगा। इसलिए अभी ध्यान रिपब्लिकन सीनेटरों में भय पैदा करने पर लगाया गया है, ताकि सीनेट में ये प्रस्ताव गिर जाए। सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के लिए उसे दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने नई पार्टी बनाने का विचार इस तरफ ध्यान दिलाए जाने के बाद छोड़ा कि उस हालत में वे प्राइमरी को लेकर सांसदों में कोई भय नहीं पैदा कर पाएंगे। इस रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप खेमा खासकर तीन सीनेटरों- लिज चेनी, मिट रोमनी और ब्रायन केम्प से खफा है। ये तीनों लगातार राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के व्यवहार और छह जनवरी की घटना में उनकी भूमिका की आलोचना कर रहे हैं। इन तीनों के अलावा सीनेटर लीजा मर्कोवस्की और सुजेन कॉलिन्स ने भी कहा है कि वे महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करेंगी।
लेकिन इस प्रस्ताव के मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी में गहरा विभाजन दिख रहा है। इस कारण अभी तक महाभियोग प्रस्ताव का पास होना मुश्किल माना जा रहा है। 100 सदस्यीय सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इसके पास होने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के 17 सीनेटरों को इसके पक्ष में वोट डालना होगा। कई सीनेटरों ने सार्वजनिक रूप से महाभियोग प्रस्ताव का विरोध किया है। सीनेटर मार्को रुबियो ने इसे मूर्खतापूर्ण और हानिकारक कोशिश कहा है। उन्होंने कहा कि देश में पहले से ही आग लगी हुई है। ये प्रस्ताव उस पर और तेल डालने जैसा है।
रिपब्लिकन सांसद जॉन कॉर्निन ने चेतावनी दी है कि अगर इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया गया, तो 2022 में सीनेट और हाउस में बहुमत पाने पर रिपब्लिकन पार्टी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति (जो बाइडन) के खिलाफ भी ऐसा प्रस्ताव पास कर सकती है। रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप के प्रभाव की एक और मिसाल पिछले शनिवार को मिली थी, जब अरिजोना राज्य में रिपब्लिकन पार्टी ने एक प्रस्ताव पास कर सिंडी मैकैन और पार्टी के दो नेताओँ की निंदा की। ये तीन नेता ट्रंप का विरोध करते रहे हैं। लेकिन ट्रंप को झटका सीनेट में पार्टी के नेता मिच मैकॉनेल ने दिया है। उन्होंने कहा है कि छह जनवरी को हमला करने वाली भीड़ ट्रंप के झूठ से गुमराह हो गई थी।
विश्लेषकों का कहना है कि रिपब्लिकन पार्टी फिलहाल महाभियोग के मुद्दे पर बंटी हुई है। अब देखने की बात होगी कि आठ फरवरी तक कैसा महौल बनता है। उससे ही इस प्रस्ताव का भविष्य तय होगा।
विस्तार
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ये रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं कि रिपब्लिकन पार्टी के जो सांसद उनके साथ “विश्वासघात” कर रहे हैं, उनसे वे कैसे बदला लें। वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने पिछला पूरा सप्ताहांत अपने समर्थकों के साथ इसी सोच-विचार में बिताया। इस बीच ट्रंप खेमा लगातार भ्रामक संदेश दे रहा है। पहले खबर आई थी कि ट्रंप नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जिसका नाम वे पैट्रियॉट पार्टी रखेंगे। लेकिन अब बताया गया है कि वे “विश्वासघात” करने वाले सांसदों को अगले चुनाव की प्राइमरी (उम्मीदवार बनने के लिए पार्टी के अंदर होने वाले चुनाव) में हराने की रणनीति बना रहे हैं।
जो सांसद ट्रंप के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं, ट्रंप ने उन्हें “विश्वासघाती” माना है। महाभियोग प्रस्ताव कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव से पास हो चुका है। अगली 8 फरवरी से इस पर ऊपरी सदन यानी सीनेट में सुनवाई होगी। छह जनवरी को ट्रंप समर्थकों के कैपिटल हिल (संसद भवन) पर धावा बोलने की घटना को आधार बनाकर ये महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। आरोप है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को उकसाया और इस तरह उन्होंने चुनाव हारने के बावजूद अवैध ढंग से सत्ता हथियाने की कोशिश की। ट्रंप अमेरिकी इतिहास में पहले राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। हालांकि ट्रंप अब राष्ट्रपति नहीं हैं, लेकिन अगर ये प्रस्ताव पास हो गया, तो उन पर आगे चुनाव लड़ने पर रोक लग जाएगी।
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक ट्रंप खेमे ने पैट्रियॉट पार्टी या मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (मागा) पार्टी नाम से नई पार्टी बनाने पर विचार किया था। लेकिन अब सोच बनी है कि अगर महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया, तो फिर 2024 के चुनाव में ट्रंप उम्मीदवार नहीं बन सकेंगे। इस तरह नई पार्टी बनाना बेमतलब हो जाएगा। इसलिए अभी ध्यान रिपब्लिकन सीनेटरों में भय पैदा करने पर लगाया गया है, ताकि सीनेट में ये प्रस्ताव गिर जाए। सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के लिए उसे दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने नई पार्टी बनाने का विचार इस तरफ ध्यान दिलाए जाने के बाद छोड़ा कि उस हालत में वे प्राइमरी को लेकर सांसदों में कोई भय नहीं पैदा कर पाएंगे। इस रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप खेमा खासकर तीन सीनेटरों- लिज चेनी, मिट रोमनी और ब्रायन केम्प से खफा है। ये तीनों लगातार राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के व्यवहार और छह जनवरी की घटना में उनकी भूमिका की आलोचना कर रहे हैं। इन तीनों के अलावा सीनेटर लीजा मर्कोवस्की और सुजेन कॉलिन्स ने भी कहा है कि वे महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करेंगी।
लेकिन इस प्रस्ताव के मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी में गहरा विभाजन दिख रहा है। इस कारण अभी तक महाभियोग प्रस्ताव का पास होना मुश्किल माना जा रहा है। 100 सदस्यीय सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इसके पास होने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के 17 सीनेटरों को इसके पक्ष में वोट डालना होगा। कई सीनेटरों ने सार्वजनिक रूप से महाभियोग प्रस्ताव का विरोध किया है। सीनेटर मार्को रुबियो ने इसे मूर्खतापूर्ण और हानिकारक कोशिश कहा है। उन्होंने कहा कि देश में पहले से ही आग लगी हुई है। ये प्रस्ताव उस पर और तेल डालने जैसा है।
रिपब्लिकन सांसद जॉन कॉर्निन ने चेतावनी दी है कि अगर इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया गया, तो 2022 में सीनेट और हाउस में बहुमत पाने पर रिपब्लिकन पार्टी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति (जो बाइडन) के खिलाफ भी ऐसा प्रस्ताव पास कर सकती है। रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप के प्रभाव की एक और मिसाल पिछले शनिवार को मिली थी, जब अरिजोना राज्य में रिपब्लिकन पार्टी ने एक प्रस्ताव पास कर सिंडी मैकैन और पार्टी के दो नेताओँ की निंदा की। ये तीन नेता ट्रंप का विरोध करते रहे हैं। लेकिन ट्रंप को झटका सीनेट में पार्टी के नेता मिच मैकॉनेल ने दिया है। उन्होंने कहा है कि छह जनवरी को हमला करने वाली भीड़ ट्रंप के झूठ से गुमराह हो गई थी।
विश्लेषकों का कहना है कि रिपब्लिकन पार्टी फिलहाल महाभियोग के मुद्दे पर बंटी हुई है। अब देखने की बात होगी कि आठ फरवरी तक कैसा महौल बनता है। उससे ही इस प्रस्ताव का भविष्य तय होगा।