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अमेरिका में कोरोना वायरस पर शोध कर रहे चीन के प्रोफेसर बिंग ली (37) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद लोग इसे सच छिपाने के लिए की गई अमेरिका की साजिश बता रहे हैं। दरअसल, प्रोफेसर वायरस के सेलुलर तंत्र का पता लगाने के बहुत करीब पहुंच गए थे, जो इस संक्रमण के इलाज में बहुत मददगार है। ली के शरीर पर गोलियों के कई घाव थे।
बिंग शनिवार को अपने घर में मृत मिले थे। वहीं, प्रोफेसर के घर के पास ही एक कार में व्यक्ति का शव मिला है। पुलिस का मानना है, प्रोफेसर की हत्या करने के बाद व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली होगी। गोली मारने वाले संदिग्ध की पहचान 46 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर हाउ गु के रूप में हुई है। जांचकर्ता फिलहाल हत्या के रिसर्च से जुड़े होने के सुबूत नहीं होने का दावा कर रहे हैं। बिंग ली यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग के स्कूल ऑफ मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे।
अमेरिका में कोरोना वायरस पर शोध कर रहे चीन के प्रोफेसर बिंग ली (37) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद लोग इसे सच छिपाने के लिए की गई अमेरिका की साजिश बता रहे हैं। दरअसल, प्रोफेसर वायरस के सेलुलर तंत्र का पता लगाने के बहुत करीब पहुंच गए थे, जो इस संक्रमण के इलाज में बहुत मददगार है। ली के शरीर पर गोलियों के कई घाव थे।
बिंग शनिवार को अपने घर में मृत मिले थे। वहीं, प्रोफेसर के घर के पास ही एक कार में व्यक्ति का शव मिला है। पुलिस का मानना है, प्रोफेसर की हत्या करने के बाद व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली होगी। गोली मारने वाले संदिग्ध की पहचान 46 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर हाउ गु के रूप में हुई है। जांचकर्ता फिलहाल हत्या के रिसर्च से जुड़े होने के सुबूत नहीं होने का दावा कर रहे हैं। बिंग ली यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग के स्कूल ऑफ मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे।