वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: Sneha Baluni
Updated Fri, 11 Sep 2020 01:58 PM IST
पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न करने की वजह से वित्तिय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने ग्रे सूची में रखा हुआ है। वैश्विक संस्था ने उसे आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। जहां सारी दुनिया पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर सख्त कदम उठाने के लिए दबाव बना रही है वहीं चीन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों का सम्मान करना चाहिए।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने शुक्रवार को कहा, ‘आतंकवाद सभी देशों के लिए एक आम चुनौती है। पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जबरदस्त प्रयास और बलिदान किया है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसका सम्मान करना चाहिए और पहचान की जानी चाहिए। चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है।’
चीन का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब यूएस-इंडिया काउंटर-टेररिज्म जॉइंट वर्किंग ग्रुप और डेसिगनेशंस डायलॉग में अमेरिका और भारत ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का आतंकवादी हमलों के लिए उपयोग न किया जाए।
यह भी पढ़ें- एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत-चीन के बीच पांच बिंदुओं पर बनी सहमति
बैठक में पाकिस्तान को 26/11 मुंबई और पठानकोट सहित ऐसे हमलों के अपराधियों को जल्द न्याय के दायरे में लाने को कहा गया। अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लोगों और सरकार के लिए अपने समर्थन को दोहराया। दोनों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2396 में उल्लिखित महत्वपूर्ण प्रावधानों और दायित्वों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की यात्रा को बाधित करने की सूचना साझा करने और अन्य कदमों पर सहयोग को मजबूत करने के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता जताई।
पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न करने की वजह से वित्तिय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने ग्रे सूची में रखा हुआ है। वैश्विक संस्था ने उसे आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। जहां सारी दुनिया पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर सख्त कदम उठाने के लिए दबाव बना रही है वहीं चीन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों का सम्मान करना चाहिए।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने शुक्रवार को कहा, ‘आतंकवाद सभी देशों के लिए एक आम चुनौती है। पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जबरदस्त प्रयास और बलिदान किया है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसका सम्मान करना चाहिए और पहचान की जानी चाहिए। चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है।’
चीन का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब यूएस-इंडिया काउंटर-टेररिज्म जॉइंट वर्किंग ग्रुप और डेसिगनेशंस डायलॉग में अमेरिका और भारत ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का आतंकवादी हमलों के लिए उपयोग न किया जाए।
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बैठक में पाकिस्तान को 26/11 मुंबई और पठानकोट सहित ऐसे हमलों के अपराधियों को जल्द न्याय के दायरे में लाने को कहा गया। अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लोगों और सरकार के लिए अपने समर्थन को दोहराया। दोनों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2396 में उल्लिखित महत्वपूर्ण प्रावधानों और दायित्वों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की यात्रा को बाधित करने की सूचना साझा करने और अन्य कदमों पर सहयोग को मजबूत करने के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता जताई।