Hindi News
›
World
›
China gathers India Ocean countries for forum, leaves India out
{"_id":"6382982cc2cefe15dd7e8ec6","slug":"china-gathers-india-ocean-countries-for-forum-leaves-india-out","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"China: हिंद महासागर में पकड़ मजबूत करने की फिराक में चीन! भारत की गैरमौजूदगी में 19 देशों के साथ की बैठक","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
China: हिंद महासागर में पकड़ मजबूत करने की फिराक में चीन! भारत की गैरमौजूदगी में 19 देशों के साथ की बैठक
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 27 Nov 2022 04:49 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
China gathers India Ocean countries: चीन पाकिस्तान और श्रीलंका सहित कई देशों में बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे में निवेश के साथ रणनीतिक हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही चीन की अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी ने भारत की गैरमौजूदगी में हिंद महासागर के 19 देशों के साथ बैठक की।
चीन ने इस हफ्ते की शुरुआत में भारत को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी देशों सहित हिंद महासागर क्षेत्र के 19 देशों के साथ बैठक की। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया था। यह बैठक रणनीतिक समुद्री क्षेत्र और प्रमुख समुद्री व्यापार मार्ग में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव का ताजा संकेत है। चीन के विदेश मंत्रालय से जुड़े संगठन चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (CIDCA) के बयान में कहा गया कि 21 नवंबर को विकास सहयोग पर हिंद महासागर क्षेत्रीय मंच (IORFDC) की बैठक में 19 देशों ने हिस्सा लिया।
भारत को नहीं किया गया आमंत्रित
इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोजाम्बिक, तंजानिया, सेशेल्स, मेडागास्कर, मॉरीशस, जिबूती और ऑस्ट्रेलिया सहित 19 देशों और तीन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक यून्नान प्रांत के कुनमिंग में साझा विकास समुद्री अर्थव्यवस्था के सिद्धांत पर आधारित हाइब्रिड यानी प्रत्यक्ष-ऑनलाइन तरीके से आयोजित की गई।
मंच का आयोजन चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (सीआईडीसीए) द्वारा किया गया था। यह एक सरकारी एजेंसी है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व उप विदेश मंत्री और भारत में चीनी राजदूत रह चुके लुओ झाओहुई (Luo Zhaohui) ने की। संगठन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, झाओहुई सीआईडीसीए नेतृत्व समूह के सचिव हैं। बता दें कि पिछले साल भी चीन ने भारत की भागीदारी के बिना कोविड-19 टीका सहयोग पर कुछ दक्षिण एशियाई देशों के साथ बैठक की थी।
चीन का हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश
विशाल समुद्री क्षेत्र में अपने प्रभाव क्षेत्र को व्यापक बनाने के लिए इस मंच का सहारा लेते हुए चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के देशों के साथ समुद्री आपदा निवारण और शमन सहयोग तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। बैठक के अंत में जारी सीआईडीसीए के एक बयान में कहा गया है कि चीन जरूरतमंद देशों को आवश्यक वित्तीय, सामग्री और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। बयान में कहा गया है कि चीन ने यून्नान प्रांत के समर्थन से चीन और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के लिए एक ब्लू इकोनॉमी थिंक टैंक नेटवर्क की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा।
चीन पाकिस्तान और श्रीलंका सहित कई देशों में बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे में निवेश के साथ रणनीतिक हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। चीन का उद्देश्य साफ तौर पर हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के मजबूत प्रभाव का मुकाबला करने का है, जहां हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) जैसे भारत समर्थित संगठन ने मजबूत जड़ें जमा ली हैं जिसके 23 देश सदस्य हैं।
संगठन का उद्देश्य विदेशी सहायता के लिए सलाह देना
सीआईडीसीए की आधिकारिक वेबसाइट पर कहा गया है कि संगठन का उद्देश्य विदेशी सहायता के लिए राजनीतिक दिशा-निर्देश, योजना और नीतियां बनाना, प्रमुख विदेशी सहायता मुद्दों पर समन्वय करना और सलाह देना, विदेशी सहायता से जुड़े मामलों में देश के सुधारों को आगे बढ़ाना तथा प्रमुख कार्यक्रमों को चिह्नित करना और उनके काम करने के तरीके का मूल्यांकन करना है।
विज्ञापन
इस साल जनवरी में श्रीलंका के अपने दौरे के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने हिंद महासागर के द्वीपीय देशों के विकास पर एक मंच स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। यह पूछे जाने पर कि क्या सीआईडीसीए की बैठक वही है जो वांग ने प्रस्तावित की थी तो, चीनी विदेश मंत्रालय ने मीडिया को स्पष्ट किया है कि 21 नवंबर की बैठक उसका हिस्सा नहीं थी।
पाक की नई चाल : सीपीईसी में तुर्किये को भी शामिल होने का दिया आमंत्रण
पाकिस्तान ने अब एक नई चाल चली है। अपने कब्जे वाले कश्मीर में परियोजनाओं के लिए पाकिस्तान ने भारत के लगातार विरोध के बीच तुर्किये को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। पीएम शहबाज शरीफ ने तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन के साथ उनके अंकारा दौरे के दौरान एक साझा प्रेसवार्ता में यह प्रस्ताव रखा।
डॉन अखबार ने शरीफ के हवाले से कहा कि मैं सुझाव दूंगा कि इस परियोजना को चीन, पाक और तुर्किये के बीच सहयोग होने दें जो एक अद्भुत संयुक्त सहयोग होगा। इसके जरिए हम मौजूदा चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। शरीफ ने कहा कि यदि तुर्किये सीपीईसी में शामिल होने के लिए आगे बढ़ता है तो उसे चीनी नेतृत्व के साथ इस मामले पर चर्चा करने में खुशी होगी। यह बात चीन और पाकिस्तान के संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दों पर भारत के विरोध के बावजूद अफगानिस्तान में सीपीईसी के विस्तार की योजना के साथ आगे बढ़ने के कुछ हफ्ते बाद आई है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।