अमेरिका में शक्तिशाली फेडरल सर्किट कोर्ट में पहले दक्षिण एशियाई मूल के भारतीय-अमेरिकी श्रीनिवासन अब न्यायाधीश की कमान संभालेंगे। इस पद पर पहुंचने वाल वह पहले भारतीय-अमेरिकी हैं।
अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के बाद इसे ही सर्वाधिक शक्तिशाली अदालत माना जाता है। श्रीनिवासन (52) ने डीसी सर्किट के लिए यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स का मुख्य न्यायाधीश पद संभालकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने यह पद 12 फरवरी को संभाला है।
उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति के लिए भी उनके नाम पर विचार किया गया था। एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि श्रीनिवासन ने न्यायाधीश मेरिक गारलैंड का स्थान लिया है। वह पहले भारतीय-अमेरिकी हैं जिन्हें अमेरिका की दूसरी सबसे शक्तिशाली अदालत में नियुक्ति दी गई है।
श्रीनिवासन का जन्म चंडीगढ़ में हुआ था। वह कंसास के लॉरेंस में पले-बढ़े। उन्होंने स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय से बीए किया और स्टेनफोर्ड लॉ स्कूल से जेडी तथा स्टेनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है।
अमेरिका में शक्तिशाली फेडरल सर्किट कोर्ट में पहले दक्षिण एशियाई मूल के भारतीय-अमेरिकी श्रीनिवासन अब न्यायाधीश की कमान संभालेंगे। इस पद पर पहुंचने वाल वह पहले भारतीय-अमेरिकी हैं।
अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के बाद इसे ही सर्वाधिक शक्तिशाली अदालत माना जाता है। श्रीनिवासन (52) ने डीसी सर्किट के लिए यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स का मुख्य न्यायाधीश पद संभालकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने यह पद 12 फरवरी को संभाला है।
उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति के लिए भी उनके नाम पर विचार किया गया था। एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि श्रीनिवासन ने न्यायाधीश मेरिक गारलैंड का स्थान लिया है। वह पहले भारतीय-अमेरिकी हैं जिन्हें अमेरिका की दूसरी सबसे शक्तिशाली अदालत में नियुक्ति दी गई है।
श्रीनिवासन का जन्म चंडीगढ़ में हुआ था। वह कंसास के लॉरेंस में पले-बढ़े। उन्होंने स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय से बीए किया और स्टेनफोर्ड लॉ स्कूल से जेडी तथा स्टेनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है।