Hindi News
›
World
›
A survey has revealed that most Japanese companies want to see Prime Minister Yoshihide Suga out of power in upcoming elections
{"_id":"6120f2b28ebc3e7a0705db46","slug":"a-survey-has-revealed-that-most-japanese-companies-want-to-see-prime-minister-yoshihide-suga-out-of-power-in-upcoming-elections","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"जापान: अगर सत्ताधारी पार्टी जीती, तब भी प्रधानमंत्री सुगा की कुर्सी बचना मुश्किल","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
जापान: अगर सत्ताधारी पार्टी जीती, तब भी प्रधानमंत्री सुगा की कुर्सी बचना मुश्किल
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, टोक्यो
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 21 Aug 2021 06:03 PM IST
सार
कंपनी अधिकारियों के बीच हुए सर्वे में 58 फीसदी कंपनियों के सर्वोच्च अधिकारियों ने कहा कि वे सुगा को सत्ता में नहीं देखना चाहते। एक कंपनी के प्रबंधक ने कहा- मुझे विपक्ष से भी कोई उम्मीद नहीं है। लेकिन सुगा सरकार तो जरूर ही बदल जानी चाहिए...
योशिहिदे सुगा
- फोटो : PTI (File Photo)
विज्ञापन
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
जापान में प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अगले महीने देश में आम चुनाव होना है। उसके पहले हुए एक सर्वे से सामने आया है कि देश की ज्यादातर कंपनियां उन्हें सत्ता से बाहर होते देखना चाहती हैं। इन कंपनियों के अधिकारियों की राय है कि सुगा कोरोना संक्रमण और उसके कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से देश निकालने के लिए सक्षम नेतृत्व देने में नाकाम रहे हैं।
इस सर्वे का यह भी निष्कर्ष है कि ओलिंपिक खेलों के सफल आयोजन से सुगा को कोई सियासी फायदा नहीं हुआ है। इससे उनकी लोकप्रियता में गिरावट का सिलसिला नहीं रुका है। जापानी मीडिया में छपे जनमत सर्वेक्षणों के मुताबिक सुगा की लोकप्रियता अब 30 फीसदी से भी नीचे चली गई है। उधर कंपनी अधिकारियों के बीच हुए सर्वे में 58 फीसदी कंपनियों के सर्वोच्च अधिकारियों ने कहा कि वे सुगा को सत्ता में नहीं देखना चाहते। एक कंपनी के प्रबंधक ने कहा- मुझे विपक्ष से भी कोई उम्मीद नहीं है। लेकिन सुगा सरकार तो जरूर ही बदल जानी चाहिए।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि ताजा सर्वेक्षणों से संकेत यह मिला है कि अगर सुगा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) को फिर से बहुमत मिला, तब भी सुगा के लिए दोबारा प्रधानमंत्री बनना मुश्किल होगा। अगर एलडीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की सीटों में गिरावट आई, तो उस हाल में तो सुगा पर इस्तीफा देने का दबाव और बढ़ जाएगा।
केमिकल बनाने वाली एक कंपनी के प्रबंधक ने टोक्यो के अखबार जापान टाइम्स से कहा- ‘कोरोना वायरस संक्रमण को संभालने के लिहाज से हो सकता है कि एलडीपी ही बेहतर विकल्प हो। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सत्ताधारी गठबंधन को अधिक सीटें मिलें। मैं चाहता हूं कि ये गठबंधन अभी की तुलना में कम सीटों के साथ जीते, ताकि उसे ठीक से काम करने की जरूरत महसूस हो।’
विश्लेषकों का कहना है कि जापान में असल समस्या मजबूत विकल्प की कमी है। इसलिए एलडीपी के हाथ से सत्ता चली जाएगी, ऐसी संभावना जताने वाले लोग बहुत कम संख्या में हैं। आम अनुमान यही है कि एलडीपी गठबंधन को सीटों का नुकसान होगा, लेकिन वह बहुमत हासिल कर लेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि एनडीपी गठबंधन में शामिल कोमीतो पार्टी की सीटें बढ़ सकती हैं। इसका लाभ सत्ताधारी गठबंधन को मिलेगा। लेकिन तब भी सुगा के नेतृत्व को लेकर पैदा हुए शक कायम रहेंगे। जापान की संसद के निचले सदन- प्रतिनिधि सभा को चुनने लिए मतदान 28 सितंबर को होगा। सदन में कुल 465 सीटें हैं। फिलहाल सत्ताधारी गठबंधन के पास इनमें से 305 सीटें हैं।
एक जनमत सर्वेक्षण में ये सवाल पूछा गया था कि अगर सुगा हटते हैं, तो उनकी जगह प्रधानमंत्री किसे बनना चाहिए। उस पर सबसे ज्यादा लोगों ने कोरोना टीकाकरण के प्रभारी मौजूदा मंत्री तारो कोनो का नाम लिया। कंपनियों के सर्वे में भी उन्हें 39 फीसदी अधिकारियों का समर्थन मिला। कोनो के बाद सबसे लोकप्रिय रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा हैं। पर्यवेक्षकों के मुताबिक इससे साफ है कि जापान में ज्यादातर लोगों के दिमाग में अभी कोरोना महामारी से निपटना सबसे बड़ा मुद्दा है।
विस्तार
जापान में प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अगले महीने देश में आम चुनाव होना है। उसके पहले हुए एक सर्वे से सामने आया है कि देश की ज्यादातर कंपनियां उन्हें सत्ता से बाहर होते देखना चाहती हैं। इन कंपनियों के अधिकारियों की राय है कि सुगा कोरोना संक्रमण और उसके कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से देश निकालने के लिए सक्षम नेतृत्व देने में नाकाम रहे हैं।
विज्ञापन
इस सर्वे का यह भी निष्कर्ष है कि ओलिंपिक खेलों के सफल आयोजन से सुगा को कोई सियासी फायदा नहीं हुआ है। इससे उनकी लोकप्रियता में गिरावट का सिलसिला नहीं रुका है। जापानी मीडिया में छपे जनमत सर्वेक्षणों के मुताबिक सुगा की लोकप्रियता अब 30 फीसदी से भी नीचे चली गई है। उधर कंपनी अधिकारियों के बीच हुए सर्वे में 58 फीसदी कंपनियों के सर्वोच्च अधिकारियों ने कहा कि वे सुगा को सत्ता में नहीं देखना चाहते। एक कंपनी के प्रबंधक ने कहा- मुझे विपक्ष से भी कोई उम्मीद नहीं है। लेकिन सुगा सरकार तो जरूर ही बदल जानी चाहिए।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि ताजा सर्वेक्षणों से संकेत यह मिला है कि अगर सुगा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) को फिर से बहुमत मिला, तब भी सुगा के लिए दोबारा प्रधानमंत्री बनना मुश्किल होगा। अगर एलडीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की सीटों में गिरावट आई, तो उस हाल में तो सुगा पर इस्तीफा देने का दबाव और बढ़ जाएगा।
केमिकल बनाने वाली एक कंपनी के प्रबंधक ने टोक्यो के अखबार जापान टाइम्स से कहा- ‘कोरोना वायरस संक्रमण को संभालने के लिहाज से हो सकता है कि एलडीपी ही बेहतर विकल्प हो। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सत्ताधारी गठबंधन को अधिक सीटें मिलें। मैं चाहता हूं कि ये गठबंधन अभी की तुलना में कम सीटों के साथ जीते, ताकि उसे ठीक से काम करने की जरूरत महसूस हो।’
विश्लेषकों का कहना है कि जापान में असल समस्या मजबूत विकल्प की कमी है। इसलिए एलडीपी के हाथ से सत्ता चली जाएगी, ऐसी संभावना जताने वाले लोग बहुत कम संख्या में हैं। आम अनुमान यही है कि एलडीपी गठबंधन को सीटों का नुकसान होगा, लेकिन वह बहुमत हासिल कर लेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि एनडीपी गठबंधन में शामिल कोमीतो पार्टी की सीटें बढ़ सकती हैं। इसका लाभ सत्ताधारी गठबंधन को मिलेगा। लेकिन तब भी सुगा के नेतृत्व को लेकर पैदा हुए शक कायम रहेंगे। जापान की संसद के निचले सदन- प्रतिनिधि सभा को चुनने लिए मतदान 28 सितंबर को होगा। सदन में कुल 465 सीटें हैं। फिलहाल सत्ताधारी गठबंधन के पास इनमें से 305 सीटें हैं।
एक जनमत सर्वेक्षण में ये सवाल पूछा गया था कि अगर सुगा हटते हैं, तो उनकी जगह प्रधानमंत्री किसे बनना चाहिए। उस पर सबसे ज्यादा लोगों ने कोरोना टीकाकरण के प्रभारी मौजूदा मंत्री तारो कोनो का नाम लिया। कंपनियों के सर्वे में भी उन्हें 39 फीसदी अधिकारियों का समर्थन मिला। कोनो के बाद सबसे लोकप्रिय रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा हैं। पर्यवेक्षकों के मुताबिक इससे साफ है कि जापान में ज्यादातर लोगों के दिमाग में अभी कोरोना महामारी से निपटना सबसे बड़ा मुद्दा है।
विज्ञापन
Link Copied
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।