पाकिस्तान में पिछले शनिवार को 22 वर्षीय हिंदू लड़की का लरकाना में अली गोहर अबाद इलाके से अपहरण कर लिया गया। उसके पिता ने बताया कि उनकी बेटी रेशम गली स्थित ब्यूटी पार्लर में काम करती थी, जहां के लिए वह घर से बाहर निकली और इसी दौरान उसे अगवा किया गया।
ब्यूटी पार्लर में काम के लिए घर से निकली युवती देर शाम तक घर नहीं लौटी
डेली टाइम्स ने जब इस बाबत खबर प्रकाशित की तब यह मामला सामने आया। बाद में द राइज न्यूज के ट्विटर हैंडल से भी खबर की तस्दीक की गई। डेली टाइम्स अखबार ने लड़की के पिता के हवाले से बताया कि जब देर शाम तक वह घर वापस नहीं लौटी तो उन्होंने अपहरण होने का संदेह जताते हुए पुलिस से उसे बरामद करने की गुहार लगाई थी।
बेटी का परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है और उसके रहस्यमय ढंग से गायब होने को लेकर स्तब्ध है। इस घटना को लेकर हिंदू समुदाय में जबरदस्त नाराजगी है। हालांकि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कई हिंदू नेताओं ने परिवार से संपर्क साधा है।
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार आम बात
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को परेशान करने और चुप कराने के लिए अपहरण या मारपीट जैसी वारदातें आम हैं। इस काम में सत्तापक्ष के नेता भी शामिल बताए जाते हैं। खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर विश्व समुदाय भी कई बार पाक सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुका है। पीएम इमरान खान ने भी अल्पसंख्यकों को सुरक्षा की बात कही है लेकिन उनकी कोशिशें धरातल पर उतरती दिखाई नहीं देतीं।
विस्तार
पाकिस्तान में पिछले शनिवार को 22 वर्षीय हिंदू लड़की का लरकाना में अली गोहर अबाद इलाके से अपहरण कर लिया गया। उसके पिता ने बताया कि उनकी बेटी रेशम गली स्थित ब्यूटी पार्लर में काम करती थी, जहां के लिए वह घर से बाहर निकली और इसी दौरान उसे अगवा किया गया।
ब्यूटी पार्लर में काम के लिए घर से निकली युवती देर शाम तक घर नहीं लौटी
डेली टाइम्स ने जब इस बाबत खबर प्रकाशित की तब यह मामला सामने आया। बाद में द राइज न्यूज के ट्विटर हैंडल से भी खबर की तस्दीक की गई। डेली टाइम्स अखबार ने लड़की के पिता के हवाले से बताया कि जब देर शाम तक वह घर वापस नहीं लौटी तो उन्होंने अपहरण होने का संदेह जताते हुए पुलिस से उसे बरामद करने की गुहार लगाई थी।
बेटी का परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है और उसके रहस्यमय ढंग से गायब होने को लेकर स्तब्ध है। इस घटना को लेकर हिंदू समुदाय में जबरदस्त नाराजगी है। हालांकि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कई हिंदू नेताओं ने परिवार से संपर्क साधा है।
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार आम बात
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को परेशान करने और चुप कराने के लिए अपहरण या मारपीट जैसी वारदातें आम हैं। इस काम में सत्तापक्ष के नेता भी शामिल बताए जाते हैं। खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर विश्व समुदाय भी कई बार पाक सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुका है। पीएम इमरान खान ने भी अल्पसंख्यकों को सुरक्षा की बात कही है लेकिन उनकी कोशिशें धरातल पर उतरती दिखाई नहीं देतीं।