माता पिता करते हैं मजदूरी, बच्चे बना रहे हैं भविष्य
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प्रियंका भल्ला, अमर उजाला/ नई दिल्ली Updated Wed, 22 Aug 2018 05:50 PM IST
कागज पर उभरते ये हर्फ, नन्हें नन्हें हाथों की कलम पर ये पकड़ देखकर आप सोच रहे होंगे कि ये कोई सरकार स्कूल है तो आप थोड़े गलत और थोड़े सही हैं। गलत इसलिए कि ये कोई सरकारी संस्था नहीं और सही इसलिए कि ये है तो शिक्षा का मंदिर ही।
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