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गदरपुर। तीन दिन पूर्व किसी तरह बदमाशों के चुंगल से छूटकर घर पहुंची दस माह से लापता पत्नी को एक व्यक्ति फिर गंवा बैठा। दरअसल वह पत्नी को लेकर फिर बदमाशों के पास बंधक बेटे की तलाश में पहुंचा तो उन्होंने बेटे को छोड़ने के बजाए पत्नी को दोबारा बंधक बना लिया। जबकि पति और साथ गए अन्य लोगों को वहां से भगा दिया गया। अब पीड़ित ने जिला प्रशासन और पुलिस से मदद की गुहार लगाई है।
कोतवाली के ग्राम खेमपुर निवासी गिरधारी दस माह पूर्व पत्नी सुनीता और पुत्र गोरख (5) के साथ बाजपुर के एक ईट भट्टे पर मजदूरी को गया था। वहां से अचानक उसकी पत्नी और बेटा कहीं लापता हो गए। मामले की तहरीर 12 मार्च 2012 को बाजपुर कोतवाली में दी गई। सुनीता के न मिलने पर पति ने 8 जून 2012 को एसएसपी से शिकायत की। पुलिस और गिरधारी दोनों सुनीता और गोरख की तलाश कर रहे थे कि गायब सुनीता अचानक शनिवार को घर लौट आई। सुनीता ने बताया कि दस माह पूर्व ईट भट्टे के बाहर एक मुखिया नामक युवक उसे बातों के जाल में फं साकर पुत्र सहित केलाखेड़ा के निकट ले गया। कुछ समय बाद उसने स्वार थाना क्षेत्र के पुछवाड़ा गांव में भीमा नामक युवक के हाथ बालक समेत पांच हजार रुपये में बेच दिया। यह भी बताया कि उसे और उसके पुत्र को भीमा घर से बाहर नहीं निकलने देता था। तीन दिन पूर्व अचानक गोबर थापने के बहाने वह मौका पाकर उसके चंगुल से भाग निकली। शनिवार को ही पत्नी के साथ कोतवाली पहुंचे पति, परिजनों, ग्रामीणों ने मामले से कोतवाल पीके उप्रेती को अवगत कराते हुए बंधक बनाए गए पुत्र की बरामदगी की मांग की। कोतवाल उप्रेती ने बाजपुर क्षेत्र का मामला बताते हुए ग्रामीणों को बाजपुर कोतवाली में कार्रवाई की सलाह दी। पुत्र के वियोग में पुलिस से निराश पति गिरधारी और ग्रामीणों ने सुनीता की निशानदेही पर बंधक बनाए गए पुत्र के ठिकाने को ढूंढ लिया। सूचना पर स्वार थाने की पुलिस भी पहुंच गई। लेकिन दबंगों व पुलिस के आगे गिरधारी और अन्य लोगों की एक न चली। बेटा देने के बजाए उन्होंने सुनीता को दोबारा वहां रख लिया। उनका कहना था कि सुनीता से जबरन नहीं उसकी रजामंदी से कोर्ट मैरिज की गई। पुत्र सहित हाथ में आई पत्नी भी छिन जाने से मुंह की खाकर लौटे परिजनों, ग्रामीणों ने रविवार को बाजपुर कोतवाली में गुहार लगाई। पुलिस ने नहीं सुनी तो रविवार को गदरपुर तहसील में उपजिलाधिकारी के समक्ष बालक गोरख और सुनीता की बरामदगी की मांग की। न होने पर धरना देने की बात भी कही।
गदरपुर। तीन दिन पूर्व किसी तरह बदमाशों के चुंगल से छूटकर घर पहुंची दस माह से लापता पत्नी को एक व्यक्ति फिर गंवा बैठा। दरअसल वह पत्नी को लेकर फिर बदमाशों के पास बंधक बेटे की तलाश में पहुंचा तो उन्होंने बेटे को छोड़ने के बजाए पत्नी को दोबारा बंधक बना लिया। जबकि पति और साथ गए अन्य लोगों को वहां से भगा दिया गया। अब पीड़ित ने जिला प्रशासन और पुलिस से मदद की गुहार लगाई है।
कोतवाली के ग्राम खेमपुर निवासी गिरधारी दस माह पूर्व पत्नी सुनीता और पुत्र गोरख (5) के साथ बाजपुर के एक ईट भट्टे पर मजदूरी को गया था। वहां से अचानक उसकी पत्नी और बेटा कहीं लापता हो गए। मामले की तहरीर 12 मार्च 2012 को बाजपुर कोतवाली में दी गई। सुनीता के न मिलने पर पति ने 8 जून 2012 को एसएसपी से शिकायत की। पुलिस और गिरधारी दोनों सुनीता और गोरख की तलाश कर रहे थे कि गायब सुनीता अचानक शनिवार को घर लौट आई। सुनीता ने बताया कि दस माह पूर्व ईट भट्टे के बाहर एक मुखिया नामक युवक उसे बातों के जाल में फं साकर पुत्र सहित केलाखेड़ा के निकट ले गया। कुछ समय बाद उसने स्वार थाना क्षेत्र के पुछवाड़ा गांव में भीमा नामक युवक के हाथ बालक समेत पांच हजार रुपये में बेच दिया। यह भी बताया कि उसे और उसके पुत्र को भीमा घर से बाहर नहीं निकलने देता था। तीन दिन पूर्व अचानक गोबर थापने के बहाने वह मौका पाकर उसके चंगुल से भाग निकली। शनिवार को ही पत्नी के साथ कोतवाली पहुंचे पति, परिजनों, ग्रामीणों ने मामले से कोतवाल पीके उप्रेती को अवगत कराते हुए बंधक बनाए गए पुत्र की बरामदगी की मांग की। कोतवाल उप्रेती ने बाजपुर क्षेत्र का मामला बताते हुए ग्रामीणों को बाजपुर कोतवाली में कार्रवाई की सलाह दी। पुत्र के वियोग में पुलिस से निराश पति गिरधारी और ग्रामीणों ने सुनीता की निशानदेही पर बंधक बनाए गए पुत्र के ठिकाने को ढूंढ लिया। सूचना पर स्वार थाने की पुलिस भी पहुंच गई। लेकिन दबंगों व पुलिस के आगे गिरधारी और अन्य लोगों की एक न चली। बेटा देने के बजाए उन्होंने सुनीता को दोबारा वहां रख लिया। उनका कहना था कि सुनीता से जबरन नहीं उसकी रजामंदी से कोर्ट मैरिज की गई। पुत्र सहित हाथ में आई पत्नी भी छिन जाने से मुंह की खाकर लौटे परिजनों, ग्रामीणों ने रविवार को बाजपुर कोतवाली में गुहार लगाई। पुलिस ने नहीं सुनी तो रविवार को गदरपुर तहसील में उपजिलाधिकारी के समक्ष बालक गोरख और सुनीता की बरामदगी की मांग की। न होने पर धरना देने की बात भी कही।