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39 वर्षों में तीसरी बार कैलाश मानसरोवर यात्रा बाधित
पिथौरागढ़। विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा के इस वर्ष संचालित होने की संभावना धीरे-धीरे क्षीण हो गई है। यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय की कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) अधिकारियों के साथ अब तक कोई बैठक नहीं हुई है और न ही किसी तरह के दिशा-निर्देश ही जारी हुए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार कोरोना वायरस के चलते यात्रा संभव नहीं हो पाएगी। लिपुलेख दर्रे से पिछले 39 वर्षों में तीसरी बार यात्रा बाधित हो रही है।
कुमाऊं के लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा 1981 में शुरू हुई। प्रतिवर्ष जून में कैलाश यात्रा और भारत-चीन व्यापार साथ-साथ शुरू होते हैं। पिछली बार यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय और केएमवीएन के अधिकारियों की पहली बैठक 22 फरवरी को हुई। इसके बाद जिला स्तर पर भी बैठकों का दौर शुरू हो जाता था। यात्रा के संचालन की जिम्मेदारी केएमवीएन के पास है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में आईटीबीपी यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहती है। प्रतिवर्ष 18 दलों में होने वाली यात्रा में करीब एक हजार यात्री कैलाश की परिक्रमा करते हैं।
वर्ष 1998 में मालपा हादसे के चलते 12 वें दल के यात्रियों समेत दो सौ से अधिक लोग की मौत के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी। वहीं वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के चलते पहले दल के बाद यात्रा को रोकना पड़ा। इस वर्ष चीन से आई कोरोना महामारी के चलते यात्रा को लेकर अभी विदेश मंत्रालय स्तर से कोई पहल नहीं हुई है। केएमवीएन के महाप्रबंधक अशोक जोशी का कहना है कि इन परिस्थितियों में कैलाश यात्रा की संभावना अब काफी कम हैं। आईटीबीपी सातवीं वाहिनी मिर्थी के सेनानी अनुप्रीत टी बोरकर ने बताया कि नाभीढांग और लिपुपास में डेढ़ से दो फीट बर्फ अभी जमा है।
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केएमवीएन की 35 लाख की बुकिंग रद्द
पिथौरागढ़। कोरोना के चलते प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय चौपट हो गया है। केएमवीएन के कुल 46 पर्यटक आवास गृह हैं। आवास गृहों के लिए यात्रियों की ऑनलाइन बुकिंग की जाती है। निगम का एचडीएफसी बैंक में खाता है। पर्यटक इस खाते में अग्रिम धनराशि डाल कर बुकिंग कराते हैं। पर्यटकों ने 31 मार्च तक बैंक खाते से 35 लाख रुपये की निकासी की है। मई-जून में भी पर्यटकों की आवाजाही की बेहद कम संभावना है। इससे निगम को करीब को दो करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
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दो बार रद्द हो चुकी है यात्रा
वर्ष वजह
1998 मालपा हादसे की वजह से यात्रा हो गई थी स्थगित
2013 प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के चलते रोकी गई यात्रा
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