संयुक्त उद्यान कार्मिक मोर्चा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के बैनर तले कर्मचारियों ने उद्यान विभाग के कृषि विभाग में विलय का विरोध करते हुए धरना दिया। कहा कि समय-समय पर उद्यान विभाग पर प्रयोग करने से विभागीय ढांचे को क्षति पहुंची है।
पिथौरागढ़ में संगठन के मुख्य संयोजक केसी पंत के नेतृत्व में कर्मचारियों, किसानों और अन्य संगठनों के लोगों ने नारेबाजी की। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में विभाग पर किए गए प्रयोगों के दुष्परिणामों का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व में 77 राजकीय उद्यानों/पौधशालाओं को कर्मचारियों के विरोध के बावजूद लीज पर निजी क्षेत्र को दे दिया गया था। इसके पीछे तर्क दिया गया कि विभागीय कर्मी इनको नहीं संभाल पा रहे हैं। सरकार का यह निर्णय गलत साबित हुआ। सरकार को लीज निरस्त करनी पड़ी।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन, चतुर्थ श्रेणी महासंघ, चालक महासंघ, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, कलक्ट्रेट कर्मचारी संगठन, चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण, आयुर्वेद, पशुपालन, एजूकेशन मिनिस्ट्रीयल, पटवारी महासंघ, राजकीय शिक्षक, प्राथमिक शिक्षक, लोनिवि कर्मचारी, डीआरडीए, ग्राम विकास अधिकारी समेत तमाम संगठनों के लोगों ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
संयुक्त उद्यान कार्मिक मोर्चा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के बैनर तले कर्मचारियों ने उद्यान विभाग के कृषि विभाग में विलय का विरोध करते हुए धरना दिया। कहा कि समय-समय पर उद्यान विभाग पर प्रयोग करने से विभागीय ढांचे को क्षति पहुंची है।
पिथौरागढ़ में संगठन के मुख्य संयोजक केसी पंत के नेतृत्व में कर्मचारियों, किसानों और अन्य संगठनों के लोगों ने नारेबाजी की। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में विभाग पर किए गए प्रयोगों के दुष्परिणामों का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व में 77 राजकीय उद्यानों/पौधशालाओं को कर्मचारियों के विरोध के बावजूद लीज पर निजी क्षेत्र को दे दिया गया था। इसके पीछे तर्क दिया गया कि विभागीय कर्मी इनको नहीं संभाल पा रहे हैं। सरकार का यह निर्णय गलत साबित हुआ। सरकार को लीज निरस्त करनी पड़ी।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन, चतुर्थ श्रेणी महासंघ, चालक महासंघ, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, कलक्ट्रेट कर्मचारी संगठन, चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण, आयुर्वेद, पशुपालन, एजूकेशन मिनिस्ट्रीयल, पटवारी महासंघ, राजकीय शिक्षक, प्राथमिक शिक्षक, लोनिवि कर्मचारी, डीआरडीए, ग्राम विकास अधिकारी समेत तमाम संगठनों के लोगों ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।