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बैजरो। राजकीय इंटर कालेज बैजरो के भवन का निर्माण पिछले पांच सालों में भी पूरा नहीं हो पाया है। छात्र विद्यालय परिसर में पसरे भवन निर्माण के मलबे के ढेर पर खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर हैं। सरकारी अनदेखी से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। यहां अभी 323 छात्र अध्ययनरत हैं। अब स्थिति यह है कि पांच सालों में भवन निर्माण की लागत भी बढ़ गई है।
राजकीय इंटर कालेज बैजरो के भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2007-08 में शुरू हुआ था। उस समय विद्यालय भवन के लिए 83.60 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। बजट तो खत्म हो गया लेकिन भवन का निर्माण आज तक पूरा नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं भवन का काम तीन सालों से बंद पड़ा है। बजट भी 83.60 लाख से बढ़ कर एक करोड़ 44 लाख रुपये हो गया है, लेकिन शासन को भेजा गया नया आगणन कब स्वीकृत होगा। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। भवन न बन पाने के कारण आसमान के नीचे कक्षाएं चल रही हैं। बरसात में तो कक्षाएं निर्माणाधीन भवन में लगती हैं जहां रोशनी भी नहीं आती।
इंसेट
प्रश्न पत्रों का संकलन केंद्र
जीआईसी बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों का संकलन केंद्र है। इसी विद्यालय में थैलीसैंण, बीरोंखाल और नैनीडांडा ब्लाकों के विद्यालयों की बोर्ड परीक्षा के परीक्षा केंद्र भी रखे गए हैं। सभी परीक्षा केंद्रों की उत्तर पुस्तिकाओं और प्रश्न पत्र यहीं से वितरित किए जाते हैं, लेकिन ये सब काम प्रभावित हो रहे हैं।
इनका है कहना
भवन निर्माण के मलबे का ढेर और भवन निर्माण न होने से सारे काम प्रभावित हो रहे हैं। छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है और खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी नहीं हो पा रहा। इस संबंध में कई बार शासन से कहा गया, लेकिन कोई प्रगति नहीं हो पाई है। - राजेंद्र रावत, प्रधानाचार्य जीआईसी बैजरो।
दोबारा भेजा आगणन
भवन निर्माण के लिए पूर्व में स्वीकृत बजट समाप्त हो गया और कार्य पूरा नहीं हो पाया। भवन के निर्माण के लिए फिर से आगणन भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू करवा दिया जाएगा। - आर गुप्ता, परियोजना निदेशक, राज्य निर्माण निगम पौड़ी।
बैजरो। राजकीय इंटर कालेज बैजरो के भवन का निर्माण पिछले पांच सालों में भी पूरा नहीं हो पाया है। छात्र विद्यालय परिसर में पसरे भवन निर्माण के मलबे के ढेर पर खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर हैं। सरकारी अनदेखी से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। यहां अभी 323 छात्र अध्ययनरत हैं। अब स्थिति यह है कि पांच सालों में भवन निर्माण की लागत भी बढ़ गई है।
राजकीय इंटर कालेज बैजरो के भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2007-08 में शुरू हुआ था। उस समय विद्यालय भवन के लिए 83.60 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। बजट तो खत्म हो गया लेकिन भवन का निर्माण आज तक पूरा नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं भवन का काम तीन सालों से बंद पड़ा है। बजट भी 83.60 लाख से बढ़ कर एक करोड़ 44 लाख रुपये हो गया है, लेकिन शासन को भेजा गया नया आगणन कब स्वीकृत होगा। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। भवन न बन पाने के कारण आसमान के नीचे कक्षाएं चल रही हैं। बरसात में तो कक्षाएं निर्माणाधीन भवन में लगती हैं जहां रोशनी भी नहीं आती।
इंसेट
प्रश्न पत्रों का संकलन केंद्र
जीआईसी बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों का संकलन केंद्र है। इसी विद्यालय में थैलीसैंण, बीरोंखाल और नैनीडांडा ब्लाकों के विद्यालयों की बोर्ड परीक्षा के परीक्षा केंद्र भी रखे गए हैं। सभी परीक्षा केंद्रों की उत्तर पुस्तिकाओं और प्रश्न पत्र यहीं से वितरित किए जाते हैं, लेकिन ये सब काम प्रभावित हो रहे हैं।
इनका है कहना
भवन निर्माण के मलबे का ढेर और भवन निर्माण न होने से सारे काम प्रभावित हो रहे हैं। छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है और खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी नहीं हो पा रहा। इस संबंध में कई बार शासन से कहा गया, लेकिन कोई प्रगति नहीं हो पाई है। - राजेंद्र रावत, प्रधानाचार्य जीआईसी बैजरो।
दोबारा भेजा आगणन
भवन निर्माण के लिए पूर्व में स्वीकृत बजट समाप्त हो गया और कार्य पूरा नहीं हो पाया। भवन के निर्माण के लिए फिर से आगणन भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू करवा दिया जाएगा। - आर गुप्ता, परियोजना निदेशक, राज्य निर्माण निगम पौड़ी।