पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
हल्द्वानी। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने नाबालिग से अश्लील हरकत करने के मामले में अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए पांच साल का कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी के अनुसार अल्मोड़ा जिले के तड़नी जारब निवासी मनोहर सिंह कोतवाली हल्द्वानी क्षेत्र में किराए का कमरा लेकर रहता है। आरोप है कि 14 जुलाई 2018 को मनोहर सिंह के पड़ोस में छह साल की लड़की खेल रही थी। टॉफी का लालच देकर उसने बच्ची को कमरे में बुलाया। कमरा बंद कर अश्लील हरकत की। बच्ची के शोर मचाने और पिता से शिकायत करने की बात सुनकर मनोहर ने उसे छोड़ दिया। शाम को बच्ची के पिता मनोहर के पास गए तो वह चहारदीवारी फांदकर भाग गया। पिता ने कोतवाली थाने में धारा 354, 354 क, 9/10,11/12 पॉक्सो एक्ट के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आठ गवाह पेश किए। अदालत ने सुनवाई के बाद अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट का दोषी ठहराया। पॉक्सो की धारा 9/10 के तहत अदालत ने पांच साल कारावास के साथ दस हजार रुपये अर्थदंड, धारा 11/12 के तहत तीन वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अदालत ने इस मामले में 50 हजार की आर्थिक सहायता पीड़ित के परिजनों को दिलाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र भेजने का आदेश दिया है।
हल्द्वानी। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने नाबालिग से अश्लील हरकत करने के मामले में अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए पांच साल का कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी के अनुसार अल्मोड़ा जिले के तड़नी जारब निवासी मनोहर सिंह कोतवाली हल्द्वानी क्षेत्र में किराए का कमरा लेकर रहता है। आरोप है कि 14 जुलाई 2018 को मनोहर सिंह के पड़ोस में छह साल की लड़की खेल रही थी। टॉफी का लालच देकर उसने बच्ची को कमरे में बुलाया। कमरा बंद कर अश्लील हरकत की। बच्ची के शोर मचाने और पिता से शिकायत करने की बात सुनकर मनोहर ने उसे छोड़ दिया। शाम को बच्ची के पिता मनोहर के पास गए तो वह चहारदीवारी फांदकर भाग गया। पिता ने कोतवाली थाने में धारा 354, 354 क, 9/10,11/12 पॉक्सो एक्ट के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आठ गवाह पेश किए। अदालत ने सुनवाई के बाद अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट का दोषी ठहराया। पॉक्सो की धारा 9/10 के तहत अदालत ने पांच साल कारावास के साथ दस हजार रुपये अर्थदंड, धारा 11/12 के तहत तीन वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अदालत ने इस मामले में 50 हजार की आर्थिक सहायता पीड़ित के परिजनों को दिलाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र भेजने का आदेश दिया है।