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चमोली में खुलेगा कीड़ा जड़ी संकलन केंद्र : डॉ. मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने किया सीमांत गांव मलारी का भ्रमण
जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र का नाम गौरादेवी के नाम पर रखने पर दी सहमति
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली कीड़ा-जड़ी के लिए चमोली जिले में एक संकलन केंद्र खोला जाएगा। जहां स्थानीय लोग उचित दाम पर इसे बेच सकेंगे। साथ ही उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ का नाम चिपको नेत्री गौरा देवी के नाम पर रखने पर भी सहमति व्यक्त की।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया बृहस्पतिवार को दोपहर 12 बजे चमोली जिले के सीमांत गांव मलारी पहुंचे और स्थानीय लोगों से बात की। उन्होंने कहा कि यहां पहुंचकर पता चल रहा है कि सीमांत क्षेत्र के गांवों में भी ज्यादातर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने ग्रामीणों से केंद्र सरकार की योजनाओं पीएम आवास, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत, फ्री राशन, बिजली, पानी, मोबाइल कनेक्टिविटी आदि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र में अच्छी सड़कें हैं, नेटवर्क कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य की सुविधाएं बेहतर हुई हैं। सुविधाएं बढ़ने से धीरे-धीरे पलायन कम हो रहा है। वाइब्रेंट विलेज के तहत सब तरह के कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में हिमालयी क्षेत्र में एडवेंचर गेम्स को लेकर रुचि बढ़ रही है, हमें इस दिशा में भी काम करना है। कहा कि यहां मोबाइल कनेक्टिविटी में सुधार किया जाएगा। उन्होंने सीडीओ डाॅ. ललित नारायण मिश्र को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक जीवन उपयोगी और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कहा। इस दौरान जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, सीएमओ डा. राजीव शर्मा, सीओ नताशा सिंह सहित अन्य अधिकारी, मलारी के प्रधान मंगल सिंह, कागा के प्रधान पुष्कर राणा, 8वीं वाहिनी आईटीबीपी के कमांडेंट हफीजुला सिद्दीकी और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
रोजगार के लिए दूसरे गांवों में जाएं मगर पैतृक न छोड़ें : मांडविया मलारी गांव पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री का महिलाओं ने पौणा नृत्य से किया स्वागत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया केंद्रीय मंत्री के मलारी गांव पहुंचने पर स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया। महिलाओं ने पौणा नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज वह बदरी केदार की पावन भूमि पर आए हैं। यहां के लोगों ने जिस तरह से पारंपरिक वेशभूषा और जीवन शैली में उनका स्वागत किया वह अविस्मर्णीय है। मंत्री ने कहा कि भले ही सीमांत गांव के ग्रामीण रोजगार के लिए दूसरे गांवों में जाएं लेकिन अपने पैतृक गांव को न छोड़ें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का नीती घाटी ग्राम प्रधान संगठन ने भोजपत्र की माला पहनाकर स्वागत किया और स्वयं सहायता समूह ने उन्हें पंखी, कोट भेंट किए। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने उन्हें आर्गेनिक पहाड़ी उत्पाद भेंट किए। इस दौरान ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री से नीती घाटी से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू कराने, मलारी में एलोपैथिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा देने समेत कई मांगें रखीं। इस पर केंद्रीय मंत्री ने मांगों पर सकारात्मक आश्वासन दिया।
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली
इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की। बैठक में सीडीओ डॉ. ललित नारायण मिश्र ने मलारी क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही यहां उगाई जाने वाली फसलों के बारे में भी बताया। कहा कि वन विलेज वन प्रोडक्ट के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जाता है। यहां फल पट्टी विकसित की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वाइव्रेंट विलेज का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का विकास करना है जिससे वहां के लोगों का जीवन स्तर बेहर हो सके। स्थानीय, सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देना है। साथ ही सामुदायिक आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव एक उत्पाद की अवधारणा को विकसित करना है।
ग्रामीणों ने ये रखीं मांगें - नीती घाटी से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू की जाए।
- मलारी में एलोपैथिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा दी जाए। - भारत-चीन युद्ध के दौरान सेना को दी गई भूमि का मुआवजा दें।
- स्वास्थ्य मिशन में तैनात अधिकारी व कर्मचारियों का मानदेय व नियमितिकरण करें। - आर्मी अस्पतालों में स्थानीय लोगों को उपचार की सुविधा मुहैया कराई जाए।
- स्वास्थ्य विभाग के बैकलॉग पदों को खोलकर भोटिया जनजाति के युवाओं को रोजगार दिया जाए। - चमोली जनपद के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन सिस्टम को मजबूत किया जाए।
- चमोली जनपद में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाए। - द्रोणागिरी गांव में आयुर्वेदिक व एलोपैथिक अस्पताल खोला जाए।
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