पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद भेजा जेल
शिक्षक ने सोशल मीडिया पर साझा किया था लेख, लोगों ने चार मार्च को किया था विशाल प्रदर्शन
भोटिया जनजाति की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने वाले आरोपी शिक्षक को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी शिक्षक को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
हरिद्वार के एक महाविद्यालय में प्राध्यापक डाॅ. भगवती प्रसाद ने उन्होंने सोशल मीडिया पर भोटिया जनजाति की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की थी। मामले में ग्राम कागा के प्रधान पुष्कर सिंह राणा ने गोपेश्वर थाने में 17 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि इस लेख से भोटिया जनजाति के लोगों के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। मगर उस दौरान जोशीमठ आपदा के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके बाद 18 फरवरी को पुलिस ने अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के तहत आरोपी शिक्षक डाॅ. भगवती प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने मामले की विवेचना पुलिस उपाधीक्षक नताशा सिंह को सौंपी। आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी में देरी होने पर भोटिया जनजाति के लोगों में काफी आक्रोश था जिसको लेकर उन्होंने चार मार्च को गोपेश्वर में रैली निकालकर विशाल प्रदर्शन किया था। पुलिस उपाधीक्षक नताशा सिंह ने बताया कि आरोपी इन दिनों अपने घर गोपेश्वर आया हुआ था। इसकी सूचना मिलते ही मंगलवार को पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गोपेश्वर से गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
शिक्षक पहले भी एससी कर चुका है अभद्र टिप्पणी
पुलिस के अनुसार आरोपी शिक्षक ने 2016 में भी अनुसूचित जाति वर्ग पर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया था। उस वक्त भी शिक्षक पर मुकदमा दर्ज किया गया था। उस वक्त भी मामला काफी गरमा गया था।
विधानसभा घेराव की दी थी चेतावनी
- मामले को लेकर भोटिया जनजाति के लोगों ने जल्द आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी नहीं होने पर 13 मार्च को विधानसभा घेराव की चेतावनी दी थी। इसको लेकर भी पुलिस और प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई थीं। इस पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है मामला
- 10 जनवरी को एक व्यक्ति ने अपने फेसबुक पर एक लेख अपलोड किया जिसमें लिखा था कि डॉ. भगवती प्रसाद पुरोहित की कलम से... और उसमें भोटिया जनजाति के इतिहास को लेकर काफी आपत्तिजनक बातें लिखी गई थीं। इस लेख में महिलाओं पर भी अभद्र टिप्पणी की गई थी। उसके बाद इस लेख को कई लोगों ने अपने फेसबुक पर अपलोड किया। बताया जा रहा है कि लेख डाॅ. पुरोहित ने किसी व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया था जहां से उसे अन्य लोगों ने साझा किया।