आंवला नवमी 2020: हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है।
- फोटो : अमर उजाला
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आंवला नवमी 23 नवंबर सोमवार को है। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से आंवले के वृक्ष का पूजन किया जाता है। यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता और सुख-सौभाग्य की कामना की जाती है। मान्यता के अनुसार, इस दिन किया गया तप, जप, दान इत्यादि व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करता है। आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन आंवला के पेड़ पर देवताओं का वास होता है। इसके साथ ही इस दिन आंवले का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। लेकिन आंवला नवमी के दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जैसे -
ऐसी मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन आर्थिक लेनदेन से बचना चाहिए। इस दिन किसी को धन उधार में देना या किसी से धन उधार में लेना अशुभ माना जाता है।
- आंवला या अन्य पेड़ की काटाई से बचें
आंवला नवमी के दिन भूलकर भी आंवला या फिर किसी अन्य पेड़ को नहीं काटना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर पर दरिद्रता का वास हो जाता है।
आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा होती है। माना जाता है कि आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु और भगवान शिव का वास होता है। इसलिए इस दिन भूलकर भी आंवले के पेड़ पर नहीं चढ़ना चाहिए।
- आंवले के पेड़ के आसपास गंदगी न करें
आंवला नवमी के दिन भूलकर भी आंवले के पेड़ के पास गंदगी नहीं करना चाहिए। बल्कि साफ-सफाई करनी चाहिए। इस पेड़ के पास गंदगी करने से भगवान विष्णु जी नाराज हो जाते हैं।
आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर ताश नहीं खेलना चाहिए। साथ ही इस पेड़ के नीचे अन्य तरह के अनैतिक कार्यों को करने से भी बचना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और जीवन में आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं।
आंवला नवमी 23 नवंबर सोमवार को है। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से आंवले के वृक्ष का पूजन किया जाता है। यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता और सुख-सौभाग्य की कामना की जाती है। मान्यता के अनुसार, इस दिन किया गया तप, जप, दान इत्यादि व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करता है। आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन आंवला के पेड़ पर देवताओं का वास होता है। इसके साथ ही इस दिन आंवले का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। लेकिन आंवला नवमी के दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जैसे -
ऐसी मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन आर्थिक लेनदेन से बचना चाहिए। इस दिन किसी को धन उधार में देना या किसी से धन उधार में लेना अशुभ माना जाता है।
- आंवला या अन्य पेड़ की काटाई से बचें
आंवला नवमी के दिन भूलकर भी आंवला या फिर किसी अन्य पेड़ को नहीं काटना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर पर दरिद्रता का वास हो जाता है।
आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा होती है। माना जाता है कि आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु और भगवान शिव का वास होता है। इसलिए इस दिन भूलकर भी आंवले के पेड़ पर नहीं चढ़ना चाहिए।
- आंवले के पेड़ के आसपास गंदगी न करें
आंवला नवमी के दिन भूलकर भी आंवले के पेड़ के पास गंदगी नहीं करना चाहिए। बल्कि साफ-सफाई करनी चाहिए। इस पेड़ के पास गंदगी करने से भगवान विष्णु जी नाराज हो जाते हैं।
आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर ताश नहीं खेलना चाहिए। साथ ही इस पेड़ के नीचे अन्य तरह के अनैतिक कार्यों को करने से भी बचना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और जीवन में आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं।