शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या को ठीक रखना बहुत जरूरी माना जाता है। हमारी कुछ आदतें कई प्रकार से सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है, कुछ के कारण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं, यहां तक कि मौत का खतरा भी हो सकता है- धूम्रपान ऐसी ही एक समस्या है। अध्ययनकर्ताओं की टीम ने पाया कि धूम्रपान की आदत न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है साथ ही इससे हृदय रोग और कैंसर का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। धूम्रपान करने वाले लोगों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि अन्य लोगों की तुलना में ऐसे लोगों में असमय मौत का जोखिम भी अधिक हो सकता है।
धूम्रपान के दुष्प्रभावों को जानने के लिए किए गए अध्ययनों में पाया गया कि यह आदत पूरे शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। भारतीय युवाओं में धूम्रपान का खतरा काफी तेजी से बढ़ रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को धूम्रपान से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। आइए जानते हैं कि यह एक आदत पूरे शरीर के लिए किस प्रकार से नुकसानदायक हो सकती है?
सिगरेट, मौत के प्रमुख कारणों में से एक
सीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक सिगरेट के कारण होने वाली बीमारियों के कारण अमेरिका में हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हर पांच में एक एक मौत के लिए इसे ही प्रमुख कारण के तौर पर जाना जाता है। फेफड़ों के कैंसर के 90 फीसदी मामलों के लिए सिगरेट को ही प्रमुख कारण माना जा रहा है। महिला-पुरुष, दोनों के लिए ही सिगरेट बड़ा जोखिम कारक है। श्वसन रोगों के अलावा शरीर के कई अन्य हिस्सों पर इसके गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं।
हृदय के लिए धूम्रपान के नुकसान
धूम्रपान, फेफड़ों के साथ पूरे हृदय प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाता है। सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटीन रक्त वाहिकाओं में संकुचन का कारण बनता है, जो रक्त के प्रवाह को बाधित करने वाली स्थिति हो सकती है। समय के साथ यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने के साथ पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का कारण बन सकती है। धूम्रपान के कारण रक्तचाप भी बढ़ाता है, इसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं के जोखिम के तौर पर जाना जाता है।
पेट में हो सकता है कैंसर
धूम्रपान करने वाले लोगों में फेफड़ों के अलावा पेट के कैंसर का भी खतरा अधिक हो सकता है। इसके अलावा शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि धूम्रपान करने वाले लोगों में मुंह, गले, स्वरयंत्र और अन्नप्रणाली के कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान करने वालों में अग्नाशय के कैंसर की दर भी अधिक देखी जाती रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि अगर समय रहते धूम्रपान छोड़ दिया जाए तो इसके जोखिम को कई गुना तक कम किया जा सकता है।
धूम्रपान का इंसुलिन पर प्रभाव
धूम्रपान नकारात्मक रूप से इंसुलिन संवेदनशीलता को भी प्रभावित करता है, जिसके कारण डायबिटीज की जटिलताओं का खतरा काफी बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, धूम्रपान करने वाले लोगों में प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी का खतरा अधिक होता है, इसके अलावा यह संक्रमण की जटिलताओं को बढ़ाने वाली स्थिति भी हो सकती है। इस तरह की आदत से बचाव करते रहना सभी के लिए आवश्यक है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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