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President Election: और मुश्किल हुई यशवंत सिन्हा के राष्ट्रपति बनने की राह, जानें क्यों यूपी में लग सकता है बड़ा झटका?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Sat, 09 Jul 2022 10:30 AM IST
President Election: Yashwant Sinha's path to become President became more difficult, know why there may be a big setback in UP?
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देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को चुनाव होना है। मतदान की तारीख नजदीक आते ही सियासी खेमों में हलचल बढ़ गई है। भाजपा की अगुआई वाली एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा जोरशोर से प्रचार करने में जुटे हैं। दोनों अलग-अलग राज्यों में जाकर राजनीतिक दलों से समर्थन मांग रहे हैं। 

इस बीच, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे। यहां समाजवादी पार्टी कार्यालय में उनके लिए बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान समाजवादी पार्टी और रालोद के सारे विधायक और सांसद भी मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम के बाद कहा जाने लगा कि यूपी में यशवंत सिन्हा को बड़ा झटका लग सकता है। कहा जा रहा है कि उन्हें उत्तर प्रदेश में विपक्ष की तरफ से जितने वोट मिलने चाहिए थे, उतने नहीं मिल पाएंगे। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों...? 
 
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पहले जानिए अब तक सिन्हा को कहां-कहां से मिला समर्थन? 
यशवंत सिन्हा को अब तक कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई (एम) समाजवादी पार्टी, रालोद, आरएसपी, टीआरएस, डीएमके, नेशनल कांफ्रेंस, भाकपा, आरजेडी, केरल कांग्रेस (एम) जैसे कई दलों का समर्थन मिल चुका है। यशवंत के पास अभी करीब तीन लाख 89 हजार वैल्यू के वोट हैं। केरल के छोटे-बड़े सभी दलों ने यशवंत सिन्हा को ही समर्थन दिया है। ऐसे में संभव है कि यहां से एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को यहां एक भी वोट न मिले। 



 
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यूपी में क्यों लग सकता है झटका? 
यूपी में समाजवादी पार्टी की अगुआई में विपक्ष के कुछ दलों ने यशवंत सिन्हा को समर्थन दिया है। बहुजन समाज पार्टी ने पहले ही एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का एलान कर दिया है। अब सपा गठबंधन में शामिल रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से भी यशवंत सिन्हा को झटका लग सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यशवंत सिन्हा के लिए आयोजित कार्यक्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर और उनके विधायकों को नहीं बुलाया गया। ओपी राजभर की पार्टी के छह विधायक हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव के इस कदम से नाराज चल रहे राजभर एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे सकते हैं। इसके लिए अगले एक या दो दिन में वह एलान भी कर देंगे। 
 
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