वार्नर ब्रदर्स की मार्केटिंग टीम को पता हो कि न हो लेकिन क्रिस्टोफर नोलन के प्रशंसकों की जो पूरी एक जमात हिंदी पट्टी में पिछले डेढ़-दो दशकों में तैयार हुई है, वह देश में मार्वेल सिनेमैटिक यूनीवर्स के फैन बेस से भी ज्यादा ताकतवर जमात है। पिछली सदी के आखिरी दशक या उसके दो चार साल पहले पैदा हुए बच्चों के लिए क्रिस्टोफर नोलन का दर्जा ऐसे फिल्म निर्देशक का है जिसे पाने के लिए दुनिया के तमाम निर्देशक अब भी कतार में हैं। भारतीय फिल्म निर्देशकों में फिलहाल कोई इस कतार में भी नहीं है। इन्हीं नोलन की नई फिल्म ‘टेनेट’ सिनेमाघरों तक आ पहुंची है। फिल्म देखने के लिए वैधानिक चेतावनी ये है कि इसके लिए आपको नोलन का सिनेमा समझ आना जरूरी है।