सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म खानदानी शफाखाना बीते दिनों विवादों में आई थी। फिल्म के खिलाफ दिल्ली के एक सेक्सोलॉजिस्ट डॉ विजय एबॉट ने हाईकोर्ट में स्टे ऑर्डर सूट फाइल किया था, इसमें उन्होंने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। डॉ विजय ने इसके लिए टी सीरीज और फिल्म की डायरेक्टर शिल्पी दासगुप्ता को एक नोटिस भी भेजा था।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ‘खानदानी शफाखाना’ फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि फिल्म यौन शिक्षा देने और यौन रोगों से जुड़े कलंक को दूर करने और इसके उपचार के लिए समाज के एक बड़े वर्ग तक पहुंचने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने अपने फैसले में कहा कि फिल्म में सामाजिक बदलाव के बारे में दिखाया गया है।
क्या था आरोप?
दिल्ली के यौन रोग विशेषज्ञ विजय एब्बॉट ने याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि फिल्म उन्हें और उनके पेशे को बदनाम करती है। डॉ. विजय ने सेंसर बोर्ड को 18 जुलाई को एक लेटर भी भेजा था। इस लेटर में कहा गया था कि डॉ. विजय के पिता, डॉ हकीम हरि किशन लाल के मशहूर और ख्यातिप्राप्त पारंपरिक खानदानी शफाखाना का फिल्म में अवैध तरीके से इस्तेमाल किया गया है।
'खानदानी शफाखाना' फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा बेबी बेदी का किरदार निभाया है, जिसे विरासत में मामाजी का खास शफाखाने को चलाने की जिम्मेदारी मिलती है। इस शफाखाने में लोग सेक्स संबंधी परेशानियों के इलाज के लिए आते हैं। फिल्म 2 अगस्त को रिलीज हो चुकी है।