संजय दत्त ने अपनी बायोपिक 'संजू' में खुद को बेकसूर और मासूम बताते हुए मीडियो को तो निशाने पर लिया है देश के एक बड़े राजनेता को भी अपमानित किया है। यह वरिष्ठ तथा सम्मानित नेता अब राजनीति में नहीं हैं और ऐसा लगता है कि उनकी पार्टी को भी उनके मान-अपमान की चिंता नहीं रह गई है।
नेता के उठने-बैठने-चलने और बोलने के अंदाज से साफ पता चलता है कि वह कौन हैं और किस तरह से निर्देशक राजू हिरानी ने उनकी छवि को धक्का पहुंचाने की कोशिश की है। अंजन श्रीवास्तव ने इन ओजस्वी वक्ता और कवि नेता की भूमिका निभाई है।
'संजू' में दिखाया गया है कि संजय दत्त अवैध हथियार रखने के मामले में पुलिस की गिरफ्त से लौटने के बाद इन नेता से मिलते हैं और खुद को बेकसूर बताते हैं। संजू उनसे मदद चाहता है। वह नेता उसकी बात सुन रहे हैं। इसके बाद वॉइस ओवर में संजू की आवाज उभरती है कि हमें अभी तक नहीं पता कि वह वह मेरी बात सुनते हुए सचमुच सो गए थे या सोने का नाटक कर रहे थे।
राजनीति को थोड़ा भी जानने-समझने वाले यह दृश्य देखते ही जान जाते हैं कि हिरानी का इशारा किसकी तरफ है। इन बड़े नेता के अपमान पर उनकी पार्टी खामोशी साधे हुए है। वहीं सेंसर बोर्ड पर सवाल उठ रहे हैं कि कैसे उसने इन बड़े नेता का अपमान होने दिया।
सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी ने इस मुद्दे पर मीडया में कहा है कि हम सब जानते हैं कि किस बड़े राजनेता को दिखाया गया है। हम इस पर सवाल उठाते या हल्ला मचाते तो वह नाम सार्वजनिक हो जाता। फिल्म की टीम तो इंकार करती ही राजनेता के लोगों का भी बयान आ जाता कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था। उन्हें पर्दे पर नहीं दिखाया गया है।